खरगोन। नए कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसानों के विरोध व आंदोलन के बीच अब कांग्रेस ने भी खुलकर मोर्चा संभाल लिया है। रविवार को पूर्व विधायक परसराम डंडीर ने सनावद रोड़ स्थित कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री मोदी सहित भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार द्वारा लाए गए तीनों नए कृषि कानून किसानों के बजाय कॉर्पोरेट जगत को फायदा पहुंचाने वाले कानून हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार यह काले कानून वापस नहीं लेती है तो वे किसान हित में कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। डंडीर ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार जब से आई है तब से किसानों को हताश करने की योजनाएं व नीतियां बनाई जा रही हैं, जिससे कृषि पर कॉर्पोरेट जगत का कब्जा हो सके, लेकिन यह कांग्रेस होने नहीं देगी। वह किसानों के साथ खड़ी है।
डंडीर ने कहा कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान गुमराह नहीं हैं, पूंजीपतियों ने पीएम मोदी को गुमराह किया है। बीते तीन सालों में अंदरुनी तौर पर मोदी सरकार ने षड्यंत्रपूर्वक खेती को लाभ का धंधा बनाने के बजाय किसानों को हताश और निराश किया, जिससे पूंजीपतियों को फायदा मिल सके।
उदाहरण है कि तुअर व चना के दाम अधिक होने की दशा में जब अधिक पैदावार की जाती है तो पिछले तीन सालों में फसल आने पर पीएम किसानों को कम दाम मिले इसके लिए बाहर से आयात कर लेते थे। इसका सीधा उद्देश्य था कि किसान हताश हों और नए कृषि कानून आने पर पूंजीपति किसानों की जमीनें अपने हाथों लेकर उनसे मजदूरी कराएं।
डंडीर ने कहा कि अंबानी, अडानी और बाबा रामदेव सहित करीब 600 लोग हैं, जिनके पास देश की 80 प्रतिशत पूंजी निवेश है, शेष 20 प्रतिशत में सारा देश है।
उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि नए कृषि कानून से किसान को कहीं भी फसल बेचने की छूट की झूठी वाहवाही लूटी जा रही है, जबकि इससे पहले भी किसान अपनी मर्जी से उपज बेचता था। नए कानून से मंडी प्रथा बंद होना तय है क्योंकि यदि व्यापारी को बाहर से खरीदी की छूट मिलती है तो वह मंडी टैक्स क्यों चुकाएगा और क्यों लायसेंस सहित अन्य दस्तावेज जमा कराएगा। वह बाहर से ही मनमाने तरीके से खरीदी करेगा। इससे किसान धोखाधड़ी का शिकार होगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में डंडीर ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि मोदी सरकार को हिटलरशाही छोड़कर इंदिराजी और लाल बहादुर शास्त्री के बताए हरित क्रांति के रास्ते पर चलना चाहिए, जिससे किसान और देश दोनों का भला होगा।