मानपुर नगर परिषद में अध्यक्ष चुनाव, मानपुर की तरह मैंडेट बदला तो बदल सकता है फैसला!


शुक्ला गुट के आठों पार्षद पिछले 15 दिनों से गोपनीय स्थानों की सैर कर रहे हैं तथा कल सुबह ही वे सीधे चुनाव स्थल पर पहुंचेंगे चर्चा है कि स्वर्णा दुबे के लिए उनके पति दिन रात मेहनत कर रहे हैं।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :

इंदौर। महू की मानपुर में नगर परिषद चुनाव को लेकर भाजपा का जारी किया हुआ मैंडेट सफल नहीं हुआ। पार्टी के पार्षदों ने ही इस मैंडेट का बचाव नहीं किया। अब बारी महू गांव नगर परिषद की है। यहां अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर बहुमत होने के बाद भी भाजपाइयों में डर बना हुआ है इसी डर के कारण भाजपा के ही 8 पार्षद बीते 20 दिनों से एक तरह से लापता हैं।

बताया जा रहा है कि इन्हें अलग अलग जगहों पर घुमाया जा रहा है। यह पूरी कवायद अध्यक्ष पद को लेकर है। जिसके लिए 2 पार्षदों में रस्साकशी चल रही है। अध्यक्ष का चुनाव शुक्रवार 12 अगस्त को होना है।

भाजपा में किस तरह अपने ही लोगों को लेकर नाराजगी है इसका एक उदाहरण जनपद महू गांव नगर परिषद तथा मानपुर नगर परिषद में अध्यक्ष उपाध्यक्ष पद को लेकर हुए चुनाव में देखने को मिल रहा है। यहां भाजपा का स्पष्ट बहुमत है उसके बावजूद भाजपा के वरिष्ठ नेता अपने विजय समर्थकों को लेकर अन्य स्थानों पर घूम रहे हैं ताकि वे टूट कर दूसरे गुट में न चले जाएं। 12 अगस्त को महू गांव नगर परिषद के अध्यक्ष पद का चुनाव है।

15 पार्षदों वाली नगर परिषद में भाजपा के 9 और कांग्रेस के तीन और दो निर्दलीय पार्षद हैं। दो निर्दलीय पार्षद पूर्व में भाजपा के ही कार्यकर्ता रह चुके हैं। यहां अध्यक्ष पद को लेकर भाजपा के दो गुट अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। एक गुट इलाके के सीनियर नेता राम किशोर शुक्ला का है तो दूसरा हालही में नामचीन हुईं कविता पाटीदार का माना जा रहा है।

राम किशोर शुक्ला के साथ 8 पार्षद हैं जिनसे वह नवीन तिवारी को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं जबकि कविता पाटीदार की ओर से उम्मीदवार पहली बार पार्षद बनीं स्वर्णा दुबे हैं लेकिन इन्हें विश्वास है कि कांग्रेस के तीन और दो निर्दलीय पार्षद हमारे साथ आएंगे। ऐसे में 2 पार्षदों को तोड़ने की जरूरत है।

इसी डर से शुक्ला गुट के आठों पार्षद पिछले 15 दिनों से गोपनीय स्थानों की सैर कर रहे हैं तथा कल सुबह ही वे सीधे चुनाव स्थल पर पहुंचेंगे चर्चा है कि स्वर्णा दुबे के लिए उनके पति दिन रात मेहनत कर रहे हैं और चर्चा यह भी है कि निर्दलीय तथा कांग्रेस के अलावा तीन अन्य पार्षदों को भी अपनी ओर खींचने का प्रयास किया जा रहा है।

अब देखना है कि भाजपा किसके नाम का पत्र जारी करती है और अंदर जाकर पार्षद किसे वोट देते हैं वैसे माना जा रहा है कि यहां पर एक बार फिर रामकिशोर शुक्ला का वर्चस्व स्थापित होगा तथा उन्हीं के गुट का पार्षद अध्यक्ष बनेगा।

इससे पहले चुनावों के दौरान राम किशोर शुक्ला का सारा गणित वार्ड क्रमांक 10 में गड़बड़ा गया था। यहां से स्वर्णा दुबे जो कि निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ी थी अगर असफल हो जातीं तो शुक्ला को इतनी मशक्कत नहीं करनी पड़ती। अब स्वर्णा दुबे के पति डॉ प्रशांत दुबे भी अपनी पत्नी को अध्यक्ष बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

ख़बर है कि इसके लिए वे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय तथा राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार से लगातार संपर्क में हैं। चर्चा तो यह भी है कि अगर स्वर्णा दुबे के नाम का पत्र जारी करती है तो भाजपा के पार्षद विरोध भी कर सकते हैं। अगर यह होता है तो महू तहसील में यह दूसरी बार होगा जब पार्टी नेतृत्व के खिलाफ नेता अपनी राय देंगे।



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