इंदौर। शहर कोरोना वायरस से बेहाल है। यहां 6281 लोग कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इंदौर में करीब 30 प्रतिशत एक्टिव मरीज अन्य जिलों व संभागों के हैं जिसके चलते बिस्तर भरे हुए हैं। इस बीच जो ज्यादा परेशान करने वाली बात सामने आ रही है वह यह है किवैक्सीन के दोनों डोज़ लगवाने के बाद भी लोग संक्रमित हो कर बीमार हो रहे हैं।
इस संबंध में कोविड के नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार ने बताया कि इंदौर में जीनोम सिक्वेंसिंग कराने के लिए राज्य शासन से निर्देश प्राप्त हुए थे और उसी के तहत ऐसे लोग जो 100 दिन के बाद दोबारा पॉजिटिव हो रहे हैं उनके सैम्पल के साथ ऐसे लोगो के सैम्पल भी लिए गए है जो टीकाकरण के दूसरे दौर का टीका लगवा चुके हैं। ऐसे सभी लोगो के जीनोम सैम्पल जांच के लिए एनसीडीसी दिल्ली भेजे गए हैं। वहीं उन्होंने बताया कि 29 ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया है जो बाद में दोबारा पॉजिटिव पाए गए है।
इधर, इंदौर में बेतरतीब आंकड़ों के बीच अब प्रशासनिक कार्यालयों पर कोरोना ने दस्तक देना शुरू कर दी है जहां फ्रंट लाइन पर काम करने वाले 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी व अधिकारियों के पॉजिटिव होने की बात सामने आई है वहीं ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इंदौर-विकास प्राधिकरण के दस कर्मचारी और अधिकारी कोरोना संक्रमित पाए गए है। इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ विवेक श्रोत्रिय ने बताया कि वैक्सीनेशन के कारण सभी में कोरोना के कम लक्षण पाए गए है और सभी फिलहाल होम आइसोलेशन में है और सभी का स्वास्थ्य नियंत्रण में है।
शहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने आठ क्षेत्रों में कंटेन्मेंट जोन बनाये है। जिसमे सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र विजय नगर, सुखलिया, सुदामा नगर, नंदानगर, खजराना, राजेन्द्र नगर, स्कीम नंबर 78 व महालक्ष्मी नगर शामिल है। इन क्षेत्रों को एपीसेंटर घोषित करते हुए, यहां माइक्रो कंटेन्मेंट एरिया बनाये गए है। इन क्षेत्रों में संक्रमित व्यक्ति के आस पास रहने वालों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जाएगी। सभी क्षेत्रों के लिए अधिकारियो की भी जिम्मेदारी तय कर दी हैं। कॉन्टेनमेंट एरिया में सामान्य लोगो की आवाजाही नही होगी।