इंदौर। मोटा अनाज यानी मिलेट श्री अन्न कहा जा रहा है। इस वर्ष अंर्तराष्ट्रीय मिलेट वर्ष मनाया जा रहा है। हालांकि इस सरकारी गूंज में मुद्दे की बात गायब है। जी 20 देशों की मिलेट पर इंदौर में बैठक भी हो रही हैं।
इतना सब होने के बाद भी मोटे अनाज की पैदावार, भंडारण, बाजार और इस सबसे उपर बीजों की कोई उचित नीतिगत व्यवस्था पर बात नहीं हो रही है। आरएसएस के किसानों के संगठन भारतीय किसान संघ ने अपनी राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा में इस विषय पर चिंता व्यक्त की है।
भारतीय किसान संघ की तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा की बैठक सोमवार से राजस्थान के खाटू श्याम में शुरू हुई। बैठक में संगठन के सदस्यों ने मोटे अनाज का उत्पादन करने वाले किसानों की स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि सरकार को इन किसानों की समस्याओं पर पहले बात करनी होगी।
इस सालाना सभा में संगठन की ताकत बढ़ाने के लिए एक करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। सभा में किसानों की बदहाली पर चिंता जताई गई। संघ ने कहा है कि सरकार की नीतियों व योजनाओं से किसान का भला नहीं हो पा रहा है। आधा देश किसानों का है यानी देश की कुल आबादी में करीब 60 करोड़ आबादी किसानों की है।
इस सभा में एक लाख ग्राम समितियों में एक करोड़ सदस्य बनाने का प्रस्ताव रखा गया। कांग्रेस शासित राजस्थान और इसके पड़ोसी राज्य मप्र में विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा के चुनाव के पहले आरएसएस के मुख्य संगठन भारतीय किसान संघ की इस बैठक में देशभर में संघ की सदस्य संख्या को एक करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
किसान संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष बद्रीनारायण चौधरी ने प्रतिनिधि सभा में मोटा अनाज या श्री अन्न के संबंध में प्रस्ताव पारित किया। देश में सनातनी धर्म के राजनीतिक धार्मिक हल्ले के बीच किसान संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक की शुरुआत में गो पूजन, फसल पूजन व भारत माता पूजन भी हुआ।
भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बद्रीनारायण चौधरी व महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र सहित देशभर से कई पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए। किसान संघ अध्यक्ष चौधरी ने कहा कि किसान संघ ने लक्ष्य तय किया है कि हम एक लाख गांवों में किसान संघ की ग्रामसमितियों का गठन करेंगे और संगठन की सदस्यता को एक करोड़ तक लेकर जायेंगे।
चौधरी ने कहा कि देश की आधी आबादी किसानों की हैं फिर भी अपना हक पाने के लिये संघर्षरत हैं। देश में विकास व प्रगति दर्ज होने पर भी सरकार की नीतियों व योजनाओं से किसान का भला नहीं हो पा रहा है।
चौधरी ने उपाध्यक्ष रामभरोस बसोतिया को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने प्रतिनिधि सभा में वार्षिक प्रतिवेदन को रखा। श्री अन्न के संबंध में विशेष प्रस्ताव भी पारित किया गया।
प्रतिनिधि सभा बैठक में राष्ट्रीय मंत्री बाबूभाई पटेल ने अंतराष्ट्रीय मिलेट इयर के अवसर पर श्री अन्न के संबंध में विशेष मांगों के साथ प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव के माध्यम से मांग की गई कि मोटे अनाज के बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।
श्री अन्न में पोषक तत्व दीर्घ अवधि तक सुरक्षित रहते हैं इस गुण को देखते हुये भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए। मोटे अनाजों का प्रसंस्करण व अनुसंधान भी हो। साथ ही मध्यान्ह भोजन योजना में श्री अन्न को शामिल करने की मांग भी प्रस्ताव में कही गई।
अनाज व गोबर से बना मंच का बैनरः सभा में मंच पर लगा इकोफ्रेंडली बैनर चर्चा का केंद्र रहा। बैनर को बनाने के लिये गोबर व मिट्टी का उपयोग कर अक्षरों को लिखने के लिए मूंग, उड़द, काली व सफेद तिल, मसूर दाल आदि सात प्रकार के अनाजों का प्रयोग किया। भारतीय किसान संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक में शामिल होने के लिये देश भर के 38 प्रांतों के किसान प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।