कोर्ट में नमाज़ पढ़ने को लेकर विवाद, महिला वकील ने काउंसिल पर लगाया इबादत से रोकने का आरोप


महिला वकील ने चेतावनी दी है कि वे उसी जगह अपनी इबादत जारी रखेंगी और अगर इसे रोका गया तो विरोध भी करेंगी वहीं उनके इस व्यवहार से नाराज़ होकर बार काउंसिल के चार वकीलों ने इस्तीफा दे दिया है।  


अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :

इंदौर। स्थानीय कोर्ट में बने अभिभाषक कक्ष में नमाज पढ़ने को लेकर एक विवाद शुरु हो गया है। यहां की एक महिला वकील शाहीन बी ने आरोप लगाया है कि स्थानीय बार काउंसिल उन्हें अपने कक्ष में नमाज नहीं पढ़ने दे रही है जबकि वे काफी वर्षों से इसी तरह यहां नमाज़ पढ़ती आ रहीं हैं। हालांकि बार काउंसिल के मुताबिक नमाज ही नहीं सभी धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाई गई है और यह समानता के लिए किया गया है।

महिला वकील ने चेतावनी दी है कि वे उसी जगह अपनी इबादत जारी रखेंगी और अगर इसे रोका गया तो विरोध भी करेंगी वहीं उनके इस व्यवहार से नाराज़ होकर बार काउंसिल के चार वकीलों ने इस्तीफा दे दिया है।

महू कोर्ट की वकील शाहीन बी ने गुरुवार को आरोप लगाया है कि अभिभाषक संघ द्वारा उन्हें परिसर में बने सार्वजनिक कक्ष में नमाज पढ़ने से रोक रहा है। इसके लिए एक बैठक कर निर्णय तक लिया गया है।

शाहीन बी के मुताबिक उन्हें अपनी इबादत से रोका जा रहा है और इस तरह उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो रहीं हैं। वहीं बार काउंसिल के अध्यक्ष स्वदेश दत्त पांडेय के मुताबिक नमाज़ पढ़ने को लेकर कोई बुराई नहीं है लेकिन जहां नमाज़ पढ़ी जा रही है वह स्थान उचित नहीं है।

पांडेय के मुताबिक काउंसिल का कक्ष एक सार्वजनिक स्थान है जहां कोर्ट के समय लगातार भीड़भाड़ होती है और पास ही शौचालय है। ऐसे में यहां प्रार्थना करना भी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां कोई आयोजन होते भी हैं तो वे धार्मिक कतई नहीं होते हैं।

पांडेय के मुताबिक बार काउंसिल के इस कक्ष में महापुरुषों के जन्मदिन मनाए जाते हैं। सामान्य बैठकें होती हैं और इस विवाद के बाद यह तय किया गया है कि यहां किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधियां नहीं होंं ताकि किसी तरह के विवाद की आशंका ही खत्म हो जाए लेकिन महिला वकील इसे मानने को तैयार नहीं हैं।

वकील शाहीन ने कहा है कि वे आगे भी उसी स्थान पर नमाज पढ़ेंगी और आगे यदि कोई विवाद होता है तो इसकी जिम्मेदारी संघ के अध्यक्ष की होगी। इन महिला वकील द्वारा अभिभाषक संघ के निर्णय का विरोध करने व न्यायालय परिसर का माहौल बिगाड़ने पर संघ के चार सदस्यों ने अपने पद से इस्तीफे दे दिए हैं।

इनमें  सह सचिव सर्वेश चौरसिया, कोषाध्यक्ष उमराव सिंह मीणा, कार्यकारिणी सदस्य सोहन शुक्ला हैं और एक पदेन सदस्य तथा बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष रवि आर्य हैं।

इन सदस्यों ने महिला अभिभाषक की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है और वे जबरदस्ती नमाज़ पढने की मांग कर रहीं हैं और उनकी मंशा धार्मिक माहौल बिगाड़ने की है।

एडवोकेट आर्य बताते हैं कि महू कोर्ट में यह पहली बार हो रहा है। इससे पहले आज तक किसी तरह का धार्मिक विवाद कोर्ट में नहीं हुआ है। आर्य के मुताबिक महू कोर्ट में हमेशा से ही धार्मिक सौहार्द का वातावरण रहा है लेकिन अचानक यह विवाद शुरु करना राजनीतिक लाभ लेने की मंशा दिखा रहा है।

इससे पहले भी शाहीन बी चर्चाओं में रहीं हैं। कुछ समय पहले उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया था तब वे अकेली केंद्र सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रहीं थीं।


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