इंदौर। एक ओर जहां कोरोना के मामले दोबारा मिलने लगे हैं तो वहीं कोरोना से बचने के लिये टीकाकरण भी जारी है। इंदौर में कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में अब तक 68.5% लोगों का ही टीकाकरण हो सका है। यह गड़बड़ी तकनीकी वजहों के चलते दिखाई दे रही है।
दरअसल कई लोगों के नाम एक ही मोबाइल नंबर पर रजिस्टर्ड हैं, लिहाज़ा उन्हें टीका लगवाने का मैसेज ही नहीं मिला और ऐसे लोगों की संख्या करीब दस हजार से ज्यादा बताई जा रही है।
इस तरह की बड़ी चूक टीकाकरण अभियान में हुई है। सबसे अधिक मामले निगम में बताए जा रहे हैं। जब एक झोनल अधिकारी या दरोगा के फोन नंबर भी 10-20 लोगों के नाम रजिस्टर्ड हैं।
इंदौर जिले में इस तरह के लगभग 10 हजार से ज्यादा नामों में गलत मोबाइल नंबर की गड़बड़ी बताई जा रही है। लेकिन, अधिकारी इस संख्या पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस तरह की काउंटिंग उन्होंने नहीं की है, संबंधित विभागों के अधिकारियों को सूचित कर दिया था।
इंदौर जिले में दूसरे चरण में अब तक 27103 फ्रंटलाइन कोरोना वारीयर्स को टीके लगे हैं। जबकि, रजिस्ट्रेशन 39,566 का है। इनमें जिला प्रशासन, राजस्व, निगम, पुलिस महकमा शामिल है।
8 फरवरी से शुरू हुए दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान में कुल 8 दिन टीकाकरण हुआ। पहले ये चार दिन रखा गया था, लेकिन टीकाकरण लक्ष्य हांसिल नहीं होने के चलते चार दिन और बढ़ा दिया गया।
19 और 20 फरवरी को मॉपअप राउंड रखा गया था, इन दोनों दिन पहले चरण के छूटे हुए हेल्थ केयर वर्कर्स और दूसरे चरण के फ्रंट लाइन कोरोना वारीयर्स टीका लगाया गया।