तहसीलदार की बेहूदा हरकत, कोरोना कर्फ्यू में निकलने वालों का जुलूस निकाला- लात मारी, कांग्रेस ने कहा करेंगे मुंह काला


स्थानीय भाजपाई कार्यकर्ता भी इससे नाराज़ हैं उनके मुताबिक इस मुश्किल समय में अधिकारी के इस रवैये के कारण सरकार की छवि भी जनका के बीच ख़राब हो रही है। 


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इन्दौर Updated On :

इंदौर। कोरोना काल के दौरान अफ़सरों की ज़िम्मेदारी काफ़ी बढ़ गई है। इस दौरान प्रशासन को सख्ती भी करनी पड़ रही है लेकिन कुछ अफसर सख्ती के नाम पर लोगों को बेइज्जत और परेशान करने का मौका नहीं चूक रह हैं। ज़ाहिर है कोरोना काल में परेशान लोग अधिकारियों की इन ग़ैरकानूनी और मनमानी जैसी हरकतों से और भी परेशान हो रहे हैं।

रविवार को इंदौर जिले के देपालपुर में कोरोना कर्फ्यू के उल्लंघन करने वालों पर प्रशासन कार्रवाई कर रहा था। इस दौरान तहसीलदार बजरंग बहादुर सिंह ने उल्लंघन करने वालों का ढ़ोल का जुलूस निकाल रहे थे और इसी दौरान उन्होंंने एक व्यक्ति को पीछे से लात मार दी। इस घटना का वीडियो लगातार वायरल हो रहा है।

तहसीलदार बजरंग बहादुर सिंह की लात अब उन पर भारी पड़ रही है। स्थानीय लोगों के मुताबिक वे व्यवस्था के नाम पर लोगों को बेइज्जत करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।

इस बार जब जब चमन चौराहे पर वे लोगों पर सख्ती कर रहे थे तो तकरीबन आधा किलोमीटर तक उन्होंने लोगों का जुलूस निकाला। लोगों को कान पकड़कर लोगों को मेंढ़क की तरह कान उछल-उछलकर आगे बढ़ने को कहा। इस दौरान कुछ लोग बिना झुके ही आगे बढ़ रहे थे। जिस पर तहसीलदार पीछे से आए और एक व्यक्ति को ज़ोरदार लात मारी।

इसके बाद से ही क्षेत्र में तहसीलदार का विरोध हो रहा है। कांग्रेस भी इस विरोध में कूद पड़ी है। विधायक विशाल पटेल ने कहा है कि उन्होंने प्रशासन शिकायत की है और अधिकारियों को चाहिए कि वे ऐसी हरकत करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई करें वर्ना  कांग्रेस कार्यकर्ता ही तहसीलदार का मुंह काला करेंगे।

बजरंग बहादुर सिंह, तहसीलदार

बजरंग बहादुर सिंह ने बाद में इस बारे में दलील दी कि उन्होंने व्यवस्था बनाने के लिए ऐसा किया था।  लेकिन ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब पुलिस को भी लोगों पर सरेआम ऐसी सख्ती करने की इजाज़त कानून नहीं देता को तहसीलदार के पास लोगों को पीटने का अधिकार कहां से आया।

इसे लेकर जब स्थानीय पत्रकार योगेंद्र यादव ने उक्त तहसीलदार बजरंग बहादुर सिंह से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने अपना फोन बंद कर लिया। स्थानीय एसडीएम ने भी कई बार प्रयास के बावजूद इसका कोई जवाब नहीं दिया।

तहसीलदार बजरंग बहादुर सिंह की कार्यशैली अक्सर विवादों में रहती है। पिछले साल भी कोरोना काल के दौरान प्रवासी मज़दूरों के मामले में उन्होंने संवेदनहीनता दिखाई थी।

हालांकि यह मामला तब ज्यादा तूल नहीं पकड़ सका लेकिन इस बार तहसीलदार सरेआम लोगों को लात मार रहे हैं। जिनके वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं।

स्थानीय भाजपाई कार्यकर्ता भी इससे नाराज़ हैं उनके मुताबिक इस मुश्किल समय में अधिकारी के इस रवैये के कारण सरकार की छवि भी जनका के बीच ख़राब हो रही है।

 

ख़बरः योगेंद्र यादव (देपालपुर)


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