इंदौर। इंदौर में एक बार फिर कोरोना का कहर गहराता जा रहा है और इसी का परिणाम है कि कोरोना के पहले दौर में हॉट स्पॉट रह चुके इंदौर में इस दौर में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
दरअसल, पहले दौर में कोरोना का कहर इस कदर व्याप्त था कि कई दफा तो ऐसी स्थिति बनी की 500 से अधिक कोरोना मरीज एक दिन आने लगे थे। दोबारा ऐसी स्थिति से मिनी मुंबई का सामना न हो, इसके लिए विशेष तैयारी की जा रही है ताकि कोरोना को मात दिया जा सके।
बता दें कि बीते छह दिनों से यहां हर रोज 100 से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। लिहाजा, प्रशासन इसे लेकर सतर्क है। जहां मंगलवार को इंदौर में क्राइसिस मैनेजमेंट समूह की बैठक में कई बड़े फैसले लेकर कोरोना की रोकथाम के प्रयास शुरू किए जा चुके हैं। वहीं चिकित्सा क्षेत्र में भी प्रशासन पॉजिटिव मरीजों के इलाज को लेकर तैयार हो चुका है।
इंदौर में कोविड के नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार की माने तो लोगों को जागरूक रहकर फिर से पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने बताया कि मंगलवार रात को जारी रिपोर्ट के मुताबिक 105 सैंपल पॉजिटिव आये हैं।
उन्होंने बताया कि इंदौर जिले में कुल 8 लाख 25 हजार 835 सैंपल जांच किये थे जिनमें से 59101 केस कोविड पॉजिटिव रहे हैं और इंदौर का कुल पॉजिटिविटी रेट 7.1 प्रतिशत है।
डॉ. अमित मालाकार ने बताया कि 931 लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई है और ये ही वजह है कि 1.56 डेथ रेट इंदौर में अब तक का है। वही इंदौर का कुल कोरोना रिकवरी रेट करीब 97.1 प्रतिशत है जिसके चलते 57430 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। इंदौर में एक्टिव पेशेंट का रेट 1.57 प्रतिशत है।
डॉ. अमित मालाकार के मुताबिक, कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण बुधवार को निजी अस्पतालों के साथ बैठक कर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि इंदौर में कोविड के पहले दौर में चार से साढ़े चार हजार बेड कैपिसिटी थी और आज हुई बैठक में उन सभी अस्पतालो को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में यदि केस बढ़ते हैं तो निजी अस्पतालो से पहले की ही तर्ज पर बेड लिए जा सकते हैं। वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जिला इंदौर ने आम जनता से जागरुक और सतर्क रहने की अपील कर मास्क पहनने और सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने की भी अपील की है। इसके साथ ही सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने के लिए जनता से आग्रह किया गया है।