महू। सातेर-किशनगंज पंचायत द्वारा वर्षों पूर्व बनाई गई एक रपट पिछले कुछ दिनों से क्षतिग्रस्त हो रही थी जिसकी जानकारी लगते ही लोक निर्माण विभाग ने तत्काल उसकी मरम्मत का काम शुरू करवा दिया।
अगर इस पर और जल्दी ध्यान नहीं दिया जाता तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी क्योंकि इस रपट से बड़ी संख्या में भारी वाहनों का आवागमन बना रहता है।
किशनगंज व सातेर ग्राम के बीच बहने वाले एक नाले पर पंचायत ने पैतीस साल पूर्व एक पक्की रपट बनाई थी जिस कारण आसपास के अनेक ग्रामों के सैकड़ों लोग प्रतिदिन आवागमन करते थे।
इस रपट से छोटे-बड़े वाहनों का भी आना-जाना लगा रहता है, जिसमें खासकर ट्रैक्टर व दूध वाहन शामिल हैं। इस रपट से नागरिक बिना महू शहर में प्रवेश किए सीधे गुजरखेड़ा व सिमरोल रोड़ जाते हैं।
लेकिन, पिछले दो दिनों से इस रपट का एक कोना क्षतिग्रस्त होकर हिल रहा था। बड़े वाहनों के आवागमन के दौरान यह हिस्सा हिलता भी था। स्थानीय नागरिकों के अनुसार रपट के निचले हिस्से ने जमीन छोड़ना शुरू कर दिया था।
मंगलवार को यह रपट कोने से धंसना शुरू हो गया, जिसकी जानकारी लगते ही नागरिकों ने इस पर आवागमन बंद करके लोक निर्माण विभाग को सूचना दी। विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण में इसे गंभीर माना और तत्काल जेसीबी मशीन से इस भाग को पूरी तरह तोड़ दिया।
इसके साथ ही पास ही वैकल्पिक मार्ग भी बना दिया ताकि आवागमन प्रभावित ना हो। लोक निर्माण विभाग के एसडीओ एचएस जादौन ने यहां का निरीक्षण कर रपट के क्षतिग्रस्त भाग को तत्काल दुरूस्त करने के निर्देश दिए।
लोक निर्माण विभाग के एसडीओ एचएस जादौन ने बताया कि
रपट की मरम्मत कराई जा रही है। मंत्री व विधायक द्वारा यहां पुल बनाने की योजना बनाकर भेजी गई है। उस पर स्वीकृति मिल जाती है तो जल्दी ही पुल बना दिया जाएगा जिससे बारिश के दिनों में पुरानी समस्या नहीं होगी।
बता दें कि छह माह पूर्व इस रपट को पार करते समय एक युवक बह गया था, जिसका आज तक कोई पता नहीं चल पाया है।