इंदौर। इंदौर नगर निगम द्वारा 531 कॉलोनियों के रेट जोन में किए गए बदलाव के खिलाफ कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सोमवार की दोपहर को निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जिन्हें वहां से हटाने के लिए पुलिस-प्रशासन को लाठियां भांजनी पड़ी और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा जिसमें कई प्रदर्शनकारियों को चोटें भी आईं हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधायक संजय शुक्ला, जीतू पटवारी व चिंटू चौकसे सहित सभी कांग्रेसी पार्षद व कार्यकर्ता इस प्रदर्शन दौरान मौजूद रहे। संजय शुक्ला और जीतू पटवारी ने निगम गेट के बाहर लगे बैरिकेड पर बैठकर ही मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं व जनता को भाषण दिया।
इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता लगातार महापौर पुष्यमित्र भार्गव और नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। प्रदर्शनकारी कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता महापौर पुष्यमित्र भार्गव को रेट कम करने के लिए ज्ञापन सौंपने के लिए बुला रहे थे, लेकिन वह वहां नहीं पहुंचे।
इस दौरान नगर निगम व प्रशासन के अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में अपर आयुक्त सिद्धेश जैन ने प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन लिया जबकि कांग्रेस का यह विरोध प्रदर्शन करीब डेढ़ घंटे तक जारी रहा। प्रदर्शन के दौरान निगम में आवाजाही के रास्ते बंद कर दिए गए थे।
बता दें कि इंदौर नगर निगम ने इस साल के बजट में शहर की 531 कॉलोनियों के रेट जोन में बदलाव किया है जिसके कारण इन कॉलोनियों में संपत्ति कर में 30 से 60 फीसदी तक का इजाफा हुआ है।
रेट जोन में बदलाव की वजह से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की दरों में भी 30 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। कांग्रेस इसी का विरोध कर रही है।
नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा कि एक तरफ तो महापौर दावा कर रहे हैं कि निगम ने नागरिकों को राहत देते हुए कोई नया कर नहीं लगाया है दूसरी तरफ गुपचुप तरीके से रेट जोन में बदलाव कर शहर की 531 कॉलोनियों के लाखों लोगों पर कर की मार पड़ रही है।
कांग्रेस इस बदलाव का विरोध करती है। हमने इस संबंध में कुछ दिन पहले ही महापौर को ज्ञापन देकर बदलाव का विरोध किया था। इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ। अब कांग्रेस मैदान में उतर चुकी है।
इतना ही नहीं, चौकसे ने आरोप लगाया कि निगम सुविधाएं देने के नाम पर शुल्क बढ़ा रहा है। दूसरी तरफ आमजन को कोई सुविधा नहीं मिल रही। सुविधा बढ़ाने के नाम पर सड़कों पर जो गड्ढे खोदे जा रहे हैं, उन्हें भरा तक नहीं जा रहा। इदरीस नगर में हुआ हादसा इसी का परिणाम है। ये ही मौत के गड्ढे पूरे शहर में खोदे पड़े हैं। निगम हर बार किसी हादसे के बाद व्यवस्था सुधारने के बजाय दिखावटी कार्रवाई कर देता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।