इंदौर। कोरोना काल की दूसरी लहर व संक्रमण के कारण शहर के बिगड़ते हालातों को बयां करते हुए कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला भावुक हो गए और अपने आंसू नहीं रोक सके।
दरअसल, बीजेपी के द्वारा उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों को ड्रामा बताया जाने की बात उठी तो वो मीडिया के सामने भावुक हो गये। इसके बाद आंसुओं के सैलाब के साथ उनका दर्द छलका।
इंदौर प्रेस क्लब में कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के साथ मीडियाकर्मियों से चर्चा करते हुए कांग्रेस विधायक ने कहा कि शहर में इन दिनों हालात बदतर होते जा रहे हैं।
कोरोना संक्रमित मरीजों को न तो अस्पताल में बिस्तर मिल रहे हैं और न ही ऑक्सीजन है और न ही इंजेक्शन। मैं अपने स्तर पर मरीजों और उनके स्वजनों की हरसंभव मदद करने का प्रयास कर रहा हूं लेकिन प्रशासन और सरकार का साथ नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि मेरा खुद का बेटा अस्पताल में भर्ती है, लेकिन मैं हर दिन अस्पतालों में लोगों की सेवा के लिए जा रहा हूं। इस बुरे समय मे कोई भी बीजेपी नेता जनता की मदद के लिए आगे आने को तैयार नहीं है। न तो विधायक, न सांसद और ना ही मंत्री।
विधायक संजय शुक्ला ने कहा कि मुझे कोरोना के कारण लाशों के ढेर में तब्दील हो रहे इंदौर की चिंता है जिसके कारण मुझे नींद भी नहीं आती है। इतना ही नहीं विधायक शुक्ला ने इस दौरान बीजेपी नेताओं ही नहीं बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों पर भी सवाल उठाए और कहा कि कलेक्टर, एसडीएम उनके फोन भी नहीं उठाते हैं। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से कहा कि वो आगे आये क्योंकि मैं अकेले कब तक लड़ता रहूंगा।
कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने इस दौरान प्रशासन को खुली चेतावनी दी और कहा कि सरकार और प्रशासन दो दिनों में ऑक्सीजन और इंजेक्शन की व्यवस्था करें नहीं तो वो आत्मदाह कर लेंगे।
बता दें कि कोरोना संक्रमित मरीजों को रेमडिसिवर इंजेक्शन नहीं मिल पाने को लेकर वे इंदौर जिला कलेक्टर मनीष सिंह को ब्लैंक चेक देने के कारण अखबारों व टीवी मीडिया की सुर्खियों में आ गए थे।
बीजेपी इसलिए उठा रही है सवाल –
बता दे कि प्रदेश में आने वाले समय मे नगरीय निकाय चुनाव होना है और कांग्रेस पार्टी ने विधायक संजय शुक्ला को पहले ही कांग्रेस के महापौर पद का प्रत्याशी घोषित किया हुआ है।
ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर में उनका इतना अधिक सक्रिय हो जाना बीजेपी को नागवार गुजर रहा है। इसी का परिणाम है कि बीजेपी शुक्ला द्वारा सड़क पर निकलकर किये जाने वाले कार्यों को महज दिखावा बता रही है।
वहीं संजय शुक्ला की मानें तो वो एक इंदौरवासी और जनप्रतिनिधि होने के नाते दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। फिलहाल, विधायक के आंसुओं का सैलाब आने वाले समय मे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा सकता है।