भाजपा परेशान कर रही हमें फ़रार होकर लड़ना पड़ रहा चुनाव: कांग्रेस प्रत्याशी


कांग्रेस नेता अंतर सिंह दरबार ने भाजपा पर घटिया राजनीति करने का आरोप लगाया, कहा चुनाव के सबसे पीक पर अचानक कैसे ये कार्रवाइयां होने लगीं!
भाटखेड़ी पंचायत पर भी बड़ा जुर्माना लगाने की तैयारी। यहां मेहमूद सेठ हो सकते हैं इसकी वजह!


अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

इंदौर। ग्राम पंचायतों में चुनाव का आख़िरी दौर चर रहा है और इस बीच जिले की एक पंचायत की बेहद चर्चा है। यहां की  मेण पंचायत के कांग्रेस समर्थित सरपंच प्रत्याशी बैकुंठ पटेल और उनकी पत्नी यहां की पूर्व सरपंच रहीं माया पटेल फिलहाल फ़रार हैं।

चुनाव के ठीक पहले प्रशासन ने उनके खिलाफ़ जांच शुरु की और कुछ ही दिनों में फैसला भी सुना दिया। इसके बाद एक  शिकायत थाने में की गई और जिसमें उन पर बीस लाख़ रु की गडबड़ी का आरोप लगा है। हालांकि शिकायत तत्कालीन सरपंच यानी पत्नी के खिलाफ थी लेकिन आरोपी पति को भी बनाया गया।

महू तहसील पंचायतों में चुनाव प्रचार जारी है। यहां मंत्री उषा ठाकुर और राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार लगातार दौरे कर रहीं हैं। मेण पंचायत में दोनों नेताओं की सक्रियता काफ़ी ज्यादा है। कार्यकर्ता बताते हैं कि दोनों नेताओं ने इस पंचायत को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है।

इस मामले में अधिकारी भी बात करने से बच रहे हैं। जनपद पंचायत के सीईओ हेमेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि विभाग भले ही उनका हो लेकिन इस मामले में स्थानीय एसडीएम और आईएएस अफसर अक्षत जैन जांच कर रहे हैं इसलिए वे कुछ नहीं बोल सकते।

मामले में कांग्रेस प्रत्याशी के परिवार द्वारा बताया गया कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा पुलिस और प्रशासन का उपयोग कर उन्हें इस कदर परेशान किया जा रहा है कि उन्हें फरार होकर चुनाव लाना पड़ रहा है।

जानकारी की मानें तो 11 जून 2022 को पंचायत में अचानक प्रशासनिक अधिकारियों ने एक पंचायत निरीक्षक को पंहुचाया और  रिकार्ड उठवा लिया गया। इसकी कोई जानकारी सचिव को नहीं दी गई। इसके बाद जांच शुरु की गई।

एफआईआर में बताया गया है कि प्रशासन की इस जांच पाया गया कि पूर्व सरंपच ने भुगतान के लिए फर्ज़ी बिल बनवाए और उनसे परिवार के लोगों के नाम पर ही भुगतान करवाया। इसमें उनका साथ उनके पति बैकुंठ पटेल ने दिया। इसके बाद आनन-फानन में 19 जून को जनपद पंचायत सीईओ के हेमंत सिंह चौहान के द्वारा पति-पत्नी के साथ पंचायत के सचिव रहे सुजीत कुशवाहा व महेंद्र चौधरी के ख़िलाफ़ 29 पेज की एक शिकायत तैयार कर डोंगरगांव थाने में दर्ज करवाई गई। उन पर 20 लाख 59 हजार 546 रुपये की अनियमितता का आरोप है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान आरोपी सरपंच के मुताबिक उन्हें न तो कई नोटिस दिया गया और न ही उनका पक्ष सुना गया। जांच के बाद जब सरपंच माया पटेल के पति को भी आरोपी बनाया जा रहा था तो उन्होंने इसका विरोध भी किया।

बैकुंठ पटेल के पिता रामेश्वर पटेल ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हैं और इस इलाके में उनका अच्छा प्रभाव भी है। खुद बैकुंठ भी ग्रामीण इलाके के प्रभावशाली नेताओं में गिने जाते हैं।

महू जनपद क्षेत्र में भारखेड़ी, डोंगरगांव पंचायत के भ्रष्टाचार को लेकर भी शिकायतें की गईं हैं। इनमें से एक पंचायत भाजपा के नेता और जनपद पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मेहमूद सेठ की है। सरपंच कोई भी हो लेकिन सेठ इस पंचायत के अघोषित प्रमुख माने जाते हैं। महू से विधायक कैलाश विजयवर्गीय के जाने के बाद सेठ ने उषा ठाकुर के करीब रहने की काफ़ी कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।

मेहमूद सेठ, महू भाजपा नेता

जनपद पंचायत द्वारा मेहमूद सेठ के खिलाफ काफी पहले जांच की गई थी और सही भी पाई गई लेकिन कार्रवाई के दायरे में इस पंचायत को अब लिया जा रहा है। बताया जाता है कि इस पंचायत के खिलाफ़ भी बड़ा जुर्माना लगाने की तैयारी है।

इस कार्रवाई पर कई भाजपाई कार्यकर्ता बताते हैं कि मौजूदा बड़े नेता अपने विरोधियों को ठिकाने लगाने की तैयारी में हैं।

चुनाव के सबसे अहम समय पर प्रशासन की इस कार्रवाई पर कांग्रेसी नेता और पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार ने भाजपा नेताओं पर जमकर हमला बोला है।

अंतर सिंह दरबार, कांग्रेस नेता

दरबार बताते हैं कि यह पूरी तरह तानाशाही है और भाजपा के मंत्री और नेताओं द्वारा सरकारी अधिकारियों का दुरुपयोग करके चुनाव के सबसे अहम समय पर कांग्रेसियों को परेशान किया जा रहा है ताकि चुनाव प्रभावित हो सकें और नतीजा भाजपा के पक्ष में रहे। दरबार के मुताबिक कांग्रेसी नेताओं और  प्रत्याशियों को कई झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा या इसकी धमकी दी जा रही है। ऐसे में उन पर चुनाव में ही भाजपा के पक्ष में काम करने का दबाव है। दरबार के मुताबिक वे इसके खिलाफ पुरजोर विरोध करेंगे।

वे बताते हैं कि चोरल क्षेत्र में उनके एक करीबी और कांग्रेसी नेता को भी इसी तरह परेशान किया गया। कुछ दिनों पहले तहसीलदार और अन्य अधिकारियों ने पहुंचकर उनकी होटल पर कई प्रकरण बना दिये।

कांग्रेस के इन आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी की ओर से मंत्री उषा ठाकुर और कविता पाटीदार से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन इन दोनों नहीं फोन नहीं उठाया।

यहां भी हुआ भ्रष्टाचार लेकिन कार्रवाई नहीं

क्षेत्र में कोदरिया, गूजरखेड़ा, सिमरोल और शेरपुर जैसी कई  पंचायतों में भ्रष्टाचार की जांच कई बार हुई और अनियमितता साबित भी हुई लेकिन यहां कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोदरिया और गूजरखेड़ा में तो भाजपा नेता और राज्यसभा के लिए नामित कविता पाटीदार की करीबी नेता सरपंच रहे हैं। कोदरिया पंचायत में सरपंच अनुराधा जोशी के कार्यकाल में करीब 40 लाख रुपये की अनियमितता की जांच हुई और कई आरोप सही पाए गए। इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई और यहां की सरपंच तो कई प्रदेशों में मध्यप्रदेश की प्रतिनिधि बनाकर तक भेजी गईं। गूजरखेड़ा पंचायत में 70 लाख रुपये के आरोप लगे लेकिन कभी जांच आगे ही नहीं बढ़ी। वहां के सरपंच सत्यवीर वर्मा थे जो कविता पाटीदार के करीबी हैं। इन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

 

ये कोई राजनीति नहीं…

 

मेण पंचायत की जांच पूरी हो चुकी थी और उनके खिलाफ कार्रवाई करके आगे भेज दी गई है। बाकी अन्य पंचायतों के भ्रष्टाचार पर भी कार्रवाई की जाएगी। यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है बल्कि एक प्रशासनिक प्रक्रिया है। ऐसे में जहां-जहां की जांच पूरी होगी वहां कार्रवाई ज़रुर की जाएगी।

अक्षत जैन, एसडीएम  

 

 


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