इंदौर। कांग्रेस सरकार में मंत्री पद का दर्जा पाने वाले कंप्यूटर बाबा पर उसके ही करीबी रमेश तोमर ने मामला दर्ज कराया है। डीआईजी ऑफिस पहुंच कर तोमर ने शनिवार को अपनी शिकायत में कहा है कि बाबा जिस कार में घूमता था, उसे 40 हजार रुपये महीने पर बुक किया था। अप्रैल 2019 से उसे बाबा ने कोई किराया नहीं दिया है।
मूसाखेड़ी के इदरीश नगर निवासी रमेश तोमर ने डीआईजी ऑफिस में दिए आवेदन में बताया है कि अपनी कार को बाबा के यहां सितंबर 2018 से 40 हजार रुपये प्रतिमाह पर दिया था। अप्रैल 2019 तक उसे किराया मिला। इसके बाद उसका 3.60 लाख रुपये किराया बाकी है। किराया नहीं मिलने से वह कार की किस्तें नहीं भर पा रहा है।
इतना ही नहीं कभी बाबा के करीबी रहे तोमर ने आरोप लगाया है कि कंप्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी नहीं बल्कि रमाशंकर पटेल है, जो अविवाहित शिक्षक है।
चार भाइयों में से एक रमाशंकर पटेल एक दिन अचानक घर से भाग गया और आठ साल बाद बाबा बनकर लौटा। उसके पास अब तक 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। उसने अपने चेले राजा यादव के नाम पर 2 करोड़ रुपये, गोविंद पटेल के नाम 5 करोड़ रुपये की संपत्ति कर रखी है।
तोमर ने दावा किया कि बाबा के तीन खास चेले राजा यादव निवासी सुल्तानगंज जिला रायसेन, राम बाबू यादव और गोविंद पटेल दोनों निवासी सिलवानी रायसेन हैं। इन्हें बाबा ने कलेक्टोरेट में सेटिंग कर एक ही दिन में बंदूक के लाइसेंस दिलवाए थे।
बता दें कि रमेश तोमर पर भी अलग-अलग 17 आपराधिक मामले दर्ज थे। हालांकि, उसका दावा है कि अधिकांश में वह बरी हो चुका है।