महू। तहसील के शहर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में अवैध शराब बनाने तथा बेचने का करोबार वर्षों से चल रहा है, लेकिन शुक्रवार को एक साथ तीन विभागों ने मिलकर पहली बार बड़ी कार्रवाई जिसमें जिस ढाबे से यह जानलेवा व्यापार चलता था, उसे ध्वस्त कर दिया। कुछ दिन पूर्व इसी ढाबे से बड़ी मात्रा में ओपी जब्त किया गया था।
तहसील के ग्रामीण क्षेत्र व जंगलों में अवैध शराब बनाने व बेचने का बड़ा व्यापार संचालित होता है। कई बार छापामार कार्रवाई करने के बाद भी कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगती है। पुलिस प्रशासन ने जरूर शराब से भरी गाड़ियां जब्त की हैं, लेकिन ये जहां से लाई जाती या बनाई जाती हैं, वहां तक कभी नहीं पहुंच पाती है।
बीते दिनों मानपुर में ग्राम काली किराय के तहत आने वाले पूर्व सरपंच गजरा के हयात ढाबे पर पहली बार छापामार कार्रवाई की गई तो यहां से पूर्व में बारह सौ लीटर ओपी बरामद हुआ था, लेकिन कोई बड़ी व सख्त कार्रवाई नहीं होने के कारण दोबारा यहां से अवैध शराब बनाने व बेचने का सिलसिला शुरू हो गया।
जानकारी मिलने पर गुरुवार को एक बार फिर छापा मारा गया तो यहां से सत्तर लीटर ओपी बरामद किया गया, जिसकी कीमत दो लाख रुपये बताई जाती है। इसके अलावा बड़ी संख्या में खाली कोठियां भी मिली जिसका उपयोग शराब रखने के लिए किया जाता है।
इस मामले का मुख्य आरोपी पूर्व सरपंच और वर्तमान प्रमुख प्रशासकीय समिति ग्राम काली किराय गजरा फरार है। पुलिस के अनसार गजरा पर पूर्व में सटटा, अवैध शराब, आदि के अनेक प्रकरण दर्ज हैं।
मुरैना में हुए जहरीली शराब कांड के बाद जिला प्रशासन भी सख्त हो गया है तथा ऐसा व्यापार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। इस पर शुक्रवार को आबकारी, राजस्व व पुलिस प्रशासन ने एकसाथ इस ढाबे पर कार्रवाई की तथा इस ढाबे को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। तहसील में इस प्रकार की यह पहली कार्रवाई है जिसमें अवैध शराब का कारोबार करने वालों के ठिकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई।
बता दें कि महू शहर में भी एक साल पूर्व पुलिस ने बड़ी मात्रा में अवैध शराब जब्त की थी। चूंकि मामला छावनी परिषद के क्षेत्र का था तो पुलिस ने छावनी परिषद को पत्र लिख कर उक्त मकान के अतिक्रमण को तोड़ने के लिए पत्र लिखा था, लेकि आज तक छावनी परिषद ने उस पर ध्यान नहीं दिया। संभवतः परिषद शहर में बड़ा कांड होने का इंतजार कर रही है।