इंदौर। कोरोना महामारी के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी अस्पताल में बैड ना मिलने के कारण हो रही है और अगर बेड मिल भी जाए तो अस्पताल का खर्च लोगों को परेशान किए हुए है। स्वास्थ्य बीमा करवाने के बावजूद भी लोगों को इससे राहत नहीं मिल रही है।
बीमा कंपनियां औपचारिकताओं के नाम पर लोगों को परेशान कर रही हैं जिसकी शिकायत लगातार जिला प्रशासन को मिल रही थी। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने शुक्रवार को स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के अधिकारियों की बैठक बुलाई और उन्हें सख्त लहजे में हिदायत दी कि मरीज का क्लेम समय रहते पास किया जाए ताकि उन्हें उस सेवा का लाभ मिल सके जिसके लिए उन्होंने एक बड़ी राशि खर्च की है।
कलेक्टर ने बताया कि इंदौर में बीमा कंपनियों के द्वारा की जा रही इस लेटलतीफी से सबसे ज्यादा समस्या अस्पतालों में बेड की उपलब्धता को लेकर बढ़ी है। बीमा क्लेम मान्य होने तक मरीज़ अस्पताल में ही रहते हैं जिससे बेड खाली नहीं हो पाते और जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल पाते।
कलेक्टर मनीष सिंह ने आज #मेडिक्लेम और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के अधिकारियों की बैठक में कहा कि वह अपने मेडिक्लेम और #हेल्थ_इंश्योरेंस क्लेम जल्द से जल्द निराकरण करें। #COVID19 #healthinsurance pic.twitter.com/IwuW7C04Ah
— Collector Indore (@IndoreCollector) May 7, 2021
कलेक्टर के पास सबसे ज्यादा शिकायत स्टार हेल्थ इंश्योरेंस नाम की कंपनी की आ रही थी जिस के प्रतिनिधि को उन्होंने खास तौर पर ऐसा ना करने के लिए कहा है।
कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक अगर बीमा कंपनियां अपना रवैया नहीं सुधारते हैं तो इंदौर के अलावा उनके कॉरपोरेट दफ्तरों में बैठे बड़े अधिकारियों पर भी कलेक्टर स्तर से कार्रवाई की जाएगी और उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी