महूः सब कुछ नकली, घर में ही बना देते हैं महंगी अंग्रेजी शराब; पकड़े गए 8 आरोपी


आठ आरोपियों से भारी मात्रा में नकली शराब जब्त, चार फरार। पकड़े गए दो आरोपियों पर विभिन्न थानों में दस से बीस प्रकरण दर्ज। एक पेटी पर होता था दो से तीन हजार रुपये का फायदा।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
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महू। किशनगंज पुलिस ने एक ऐसे गिरोह के आठ सदस्यों को पकड़ा है जो स्प्रिट, रंग आदि से शराब बनाकर खाली बोतल व नकली लेबल लगाकर असली के नाम पर बेच रहे थे। यह गिरोह प्रतिदिन साठ से सौ पेटियां नकली शराब ढाबों पर बेचता था।

पुलिस को इनके पास से बड़ी मात्रा में नकली शराब, नकली लेबल, बोतल, मशीन आदि मिले हैं, जिन्हें जब्त किया गया है। पकड़े गए दो आरोपियों पर विभिन्न थानों में दस से बीस प्रकरण दर्ज हैं।

एएसपी पुनीत गेहलोद ने बताया कि लगातार सूचना मिल रही थी कि तहसील में अवैध व नकली शराब बेची जा रही है। इस पर एसडीओपी विनोद शर्मा के मार्गदर्शन में टीम बना कर नजर रखी गई जिसमें गत दिनों बड़ी सफलता हाथ लगी।

पुलिस ने ग्राम नावदा निवासी लखन आंजना के घर पर छापा मारा, जहां नकली अंग्रेजी शराब बनाई जा रही थी। घर के बाहर स्कॉर्पियो क्रमांक एमपी13बीए2733 खड़ी थी। पुलिस को देख उसमें बैठे युवक ने भागने का प्रयास किया जिसे पकड़ा गया।

पुलिस द्वारा कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने अपना नाम हेमंत (46 साल) पिता पूनमचंद लूनिया बताया। वाहन में तीस-तीस लीटर के दो कैन मिले जिसमें कच्ची शराब भरी हुई थी।

लखन की निशानदेही पर घर के अंदर सात युवक मिले जिनके नाम लखन पिता शंकरलाल आंजना निवासी नावदा चौक, संदीप पिता गजेंद्र मालवीय निवासी पुरानी तहसील महू गांव, विक्रम पिता हुकुमचंद वर्मा निवासी गायकवाड, दीपक पिता विजय चौहान निवासी खेड़ा धार, लालजी पिता रामनाथ निवासी खेड़ा धार, गोविंद पिता पूनम लुनिया निवासी खेड़ा धार, अमन पिता दिनेश चौहान निवासी खेड़ा धार है।

पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह हेमंत लुनिया के साथ मिलकर स्प्रिट, चुस्की कलर, एसेंस का उपयोग कर नकली अंग्रेजी शराब बनाते हैं। पुलिस ने यहां से 58 बोतल भरी हुई शराब, जिस पर रॉयल स्टैग क्लासिक व्हिस्की का लेबल लगा था, बरामद की।

इसके अलावा बड़ी मात्रा में खाली बोतल, लेबल, मसाला, रेपरिंग मशीन, बोतल में लगने वाले ढक्कन, के साथ अवैध कच्ची शराब आदि जब्त किए गए जिनकी कीमत सवा लाख रुपये आंकी गई है।

ऐसे होता था संचालन –

आरोपी गुडडू जायसवाल निवासी भौरासा देवास, जंतु चौहान निवासी तीन ईमली इंदौर व प्रवीण पंवार निवासी तेलीखेड़ा से कच्चा माल स्प्रिट, चुस्की कलर, एसेंस, खाली बोतल, स्टीकर, होलोग्राम व ढक्कन खरीदे जाते।

हेमंत लुनिया, लखन, दीपक, लालजी, गोविंद, अमन खरीदे गए कच्चे माल से नकली शराब बनाने का काम करते। इसके बाद संदीप मालवीय, विक्रम वर्मा, राहुल लोध इस शराब को खरीदकर इंदौर के बाजार व आसपास के ढाबों में बेचने का काम करते हैं।

रोज की खपत –

आरोपी प्रतिदिन साठ से सौ पेटी शराब बेचे देते थे। इसके लिए उन्हें एक पेटी पर दो से तीन हजार रुपये का फायदा होता था। बाजार में एक पेटी की कीमत 11 से 13 हजार रुपये है और आरोपी प्रति पेटी नौ से ग्यारह हजार रुपये में बेचते हैं।

कई प्रकरण दर्ज हैं आरोपियों पर –

पुलिस के अनुसार पकड़े गए आरोपियों पर कई थानों में आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं जिसमें हेमंत लुनिया पर किशनगंज थाने में ग्यारह, सागौर थाने में हत्या का प्रयास व लूट के दो, बेटमा में लूट व आर्म्स एक्ट के दो, छात्रीपुरा, राजेंद्र नगर, अन्नपूर्णा, पलासिया, पीथमुपर आदि में कुछ बीस प्रकरण हैं जबकि पलासिया थाने के एक अपराध में दो हजार रुपये का ईनाम भी घोषित है।

विक्रम पर छह अपराध किशनगंज थाने में, छात्रीपुरा में दो, संयोगितागंज व पलासिया थाने में एक-एक जिसे मिलाकर कुल दस प्रकरण दर्ज हैं। गौतम पर एक अपराध महू थाने में, दीपक पर एक सागौर थाने में, गोविंद पर एक प्रकरण सागौर थाने में दर्ज है।


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