क्यों फ़ीका नज़र आ रहा है इस बार आंबेडकर जयंती का कार्यक्रम, मुख्यमंत्री शिवराज भी नहीं गंभीर!


इस बार जयंती का बजट स्पष्ट नहीं, मुख्यमंत्री का कार्यक्रम भी संक्षिप्त, सारे अधिकार केवल समिति के पास


अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :
आंबेडकर स्मारक महू


इंदौर। महू में  आंबेडकर जयंती महोत्सव को केवल 3 दिन बचे हैं। पहले अब तक कई बार बैठकें और दौरे हो जाते थे लेकिन इस वर्ष शासन और प्रशासन अभी तक उदासीन बना हुआ है। इस वर्ष अब तक केवल आंबेडकर स्मारक समिति सक्रिय दिखाई दे रही है और प्रशासन केवल खानापूर्ती कर रहा है। अधिकारियों और आम लोगों में भी इसे लेकर ज्यादा उत्साह दिखाई नहीं दे रहा है। इस बार मुख्यमंत्री भी इस आयोजन में ज्यादा रुचि नहीं ले रहे हैं। इस बार वे यहां कोई सभा नहीं करने जा रहे हैं और केवल कुछ दे रुक कर महेश्वर में आंबेडकर जयंती के ही एक दूसरे बड़े आयोजन में शामिल होने जा रहे हैं जहां बड़ी संख्या में आदिवासी समाजजन पहुंचेंगे।

आंबेडकर जयंती की तैयारियों के लिए इंदौर कलेक्टर इल्लैया राजा टी अब तक दो बार महू आ चुके हैं।  हालांकि अब तक जयंती महोत्सव की तैयारियों को लेकर खास काम नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री शिवराज ने भी हर बार की तरह महू की स्मारक समिति के साथ कोई खास बैठक नहीं की है और यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि इस बार राज्य शासन की ओर से कितना बजट मिला है।

सरकारी अमले की उदासीनता का सबसे बड़ा उदाहरण इसी बात को देखकर लगाया जा सकता है कि मऊ तहसील के अनेक शासकीय विभाग अभी तक जिम्मेदारी नहीं मिलने से हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। जबकि मऊ गांव नगर परिषद ,मानपुर नगर परिषद, मऊ जनपद ,छावनी परिषद, महिला एवं बाल विकास, विभाग खाद्य विभाग ,सहित सभी विभाग जुड़ जाते थे जो अभी तक नहीं जुड़े हैं।

इस बार सारी व्यवस्थाओं की बागडोर पीडब्ल्यूडी को दी गई है। जयंती महोत्सव के लिए 12 अप्रैल से अनुयायियों का आना शुरू हो जाता था जिनके ठहरने पानी व भोजन की व्यवस्था भी शुरू हो जाती थी लेकिन इस साल स्वर्ग मंदिर परिसर में भोजनशाला का निर्माण अब तक नहीं हुआ और न ही अनुयायियों को ठहरने के लिए टेंट की व्यवस्था की गई।

सूत्रों की मानें तो इस साल राज्य शासन ने अनुयायियों की संख्या काफी कम आंकी है और यही कारण है कि उसके हिसाब से भोजन का ठेका दिया गया है। बताया जाता है कि 11 अप्रैल तक सिर्फ भोजन का ठेका दिया गया है,  ठेकेदार को अभी तक कोई विशेष जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है। इस बार प्रति थाली 60 रुपये के हिसाब से ठेका दिया गया है और केवल 80 हजार पैकेट बनाए जाने हैं। यह भी एक दुविधा है क्योंकि हर साल इससे दोगुनी मात्रा में भोजन का इंतज़ाम होता था और ऐसे में अगर आख़िरी समय में लोगों की संख्या बढ़ गई तो खाना कम पड़ जाएगा।

आंबेडकर स्मारक के सामने सड़क पर होगी मुख्यमंत्री की सभा

इस बार राज्य शासन की ओर से मुख्यमंत्री का आना तय है। गत वर्ष की तरह इस साल भी अंबेडकर स्मारक के सामने मार्ग पर होगी। मुख्यमंत्री यहां कुछ देर ही रुकेंगेऔर फिर महेश्वर में होने वाले कार्यक्रम के लिए रवाना हो जाएंगे। जहां आदिवासी समाज का कार्यक्रम है। यहां बड़ी संख्या में लोगों को बुलाया जा रहा है।

इस बार महू में पुलिस का प्रबंधन भी नजर नहीं आ रहा है क्योंकि इंदौर शहर कमिश्नरी लागू होने के कारण आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से बल बुलाया जाएगा जो कि काफी कम है। लोक निर्माण विभाग ने आंबेडकर जयंती उत्सव को लेकर जो जिम्मेदारी ली है। उसके लिए  65 लाख का बजट सौंपा है इसके अलावा शौचालय व पानी की व्यवस्था की जिम्मेदारी पीएचई की है। पीएचई द्वारा 450 अस्थाई शौचालय बनाए जा रहे हैं। बताया जाता है कि यहां भी खर्चे में कटौती की गई है और गड्ढे कम गहरे किए जा रहे हैं। जिस पर पिछले साल की ही पॉलिथीन का उपयोग किया गया है। इससे  पहले इस सामान की नई खरीदारी होती थी।

आंबेडकर जयंती में आने वाले लोगों के लिए बनाए जा रहे अस्थायी शौचालय

जयंती महोत्सव की जिम्मेदारियों को लेकर अधिकांश विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों का कहना है कि इस साल उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है और सारा काम आदिम जाति कल्याण विभाग इंदौर से चल रहा है अब ऐसे में इस तीन दिनों की जयंती महोत्सव की व्यवस्था किस प्रकार व कैसे की जाएगी यह सवाल बना हुआ है।

 


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