इंदौर। प्रतिष्ठित सैन्य संस्थानों वाली महू छावनी इन दिनों कुछ और ख़ास नजर आ रही है। दरअसल यहां कुछ ऐसे विकास कार्य हो रहे हैं जिन्हें शायद इस शहर के लोगों ने पहले कभी नहीं देखा। इंदौर की नजदीक छावनी को इंदौर शहर की ही तरह खूबसूरत बनाने की कोशिश की जा रही है और इनमें सबसे ज्यादा ध्यान नागरिक सुविधाओं पर दिया जा रहा है। ऐसे में महू अन्य छावनी क्षेत्रों से अलग अपने नागरिकों को ये सुविधाएं देने वाली कुछ चुनिंदा छावनियों में शामिल है।
कभी महू को खेलों की नगरी कहा जाता था क्योंकि यहां शंकर लक्ष्मण, किशनलाल, अख़्तर हुसैन और गुरबख़्श सिंह जैसे ओलंपिक खेलों में खेलने वाले हॉकी खिलाड़ी हुआ करते थे। प्रदेश में शायद यह इकलौता शहर होगा जहां मैदानों पर खेलने वाले चार खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए ओलंपिक जैसी प्रतिस्पर्धा में भी खेले हैं। इस खास पहचान के बावजूद भी इस शहर से खेल के मैदान जैसे खत्म कर दिए गए। इनमें एक अहम हाई स्कूल का था जहां एक वक्त हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद भी खेले थे लेकिन अब इस मैदान पर सरकारी इमारते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि सरकार और अफसरों ने ही इस विरासत को भी खत्म कर दिया।
ऐसे में अब स्थानीय छावनी परिषद ने महू की पहचान को दोबारा लौटाने का बीड़ा उठाया है। महू शहर के दशहरा मैदान को अब फुटबॉल और क्रिकेट के लिए तैयार किया गया है।
इस मैदान में आधुनिक सुविधाएं दी गईं हैं। इसके अलावा यहां रनिंग और वाकिंग ट्रेक के साथ ओपन जिम की भी सुविधा दी जा रही है।
खास बात यह है कि छावनी परिषद अपने विकी अभावों के बावजूद यह काम कर रही है ऑफिस में नागरिकों का भी सहयोग मिल रहा है। हॉकी के लिए पहचाना जाने वाले महू शहर में अब हॉकी के लिए एक भी मैदान नहीं है। ऐसे में छावनी परिषद ने यहां के एक पुराने मैदान को हॉकी के लिए संवारा है।
छावनी परिषद के सीईओ राजेंद्र जगताप बताते हैं कि एक खेल के शहर से उसकी पहचान कभी नहीं छीनी जानी चाहिए और यहां बाती कैसे शहर की हो रही है जिसकी धरती ने देश को महान एथलीट दिए हैं।
सीईओ जगताप के मुताबिक महू फिटनेस प्रेमियों का शहर है ऐसे में यहां के नागरिकों के लिए भी बेहतर पार्क, व्यायाम की व्यवस्था होनी चाहिए। छावनी परिषद इसके अलावा योग और ध्यान के लिए भी अपनी कार्यालय के उद्यान में एक डोम बनाने जा रही है जहां नागरिकों को मेडिटेशन या ध्यान करने के लिए भी सुविधा मिलेगी।
नागरिक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए छावनी परिषद ने इंदौर में 56 दुकान की ही तरह फूड जोन का निर्माण किया है। इस फूड जोन में 100 से अधिक दुकानें बनाई गई हैं। जहां महू शहर के सभी स्थित फूड्स उपलब्ध होंगे। इसका मकसद शहर में अस्थाई तौर पर बेतरतीब खड़े होने वाले कार्ट यानी ठेलों को रोकना है।
छावनी परिषद के नामित उपाध्यक्ष शिव शर्मा बताते हैं कि यह फूड जोन शहर के विकास में अहम भूमिका निभाएगा, क्योंकि यहां खाने पीने की सभी दुकानों के लिए एक सी व्यवस्था होगी ऐसे में साफ सफाई भी रहेगी।
शर्मा बताते हैं कि इस नए बाजार से छावनी परिषद को भी राजस्व प्राप्त होगा जिससे भविष्य में इस व्यवस्था को चलाए जाने के लिए मदद मिलती रहेगी।
महू छावनी या होने वाले सभी विकास कार्यों के लिए रक्षा मंत्रालय से मिलने वाले बजट पर ही निर्भर रहती है ऐसे में यहां नागरिकों की सुविधाओं के लिए अब तक कोई बहुत गंभीर कार्य नहीं किए गए।
ऐसे में सीईओ राजेंद्र जगताप और नामित उपाध्यक्ष शिव शर्मा ने सीमित बजट में ही शहर में यह भी सुविधाएं विकसित करने के लिए योजना बनाई जिसका असर अब जमीन पर नजर आ रहा है। भविष्य में यह योजना कितनी सफल होती है यह महू के नागरिकों पर ही निर्भर करेगा कि वे अपने लिए मिली इन सुविधाओं का किस तरह उपयोग करते हैं।
अपने आसपास विकसित होती इन सुविधाओं को देख रहे नागरिकों के मुताबिक खेल के मैदान और फूड जोन जैसी व्यवस्थाएं विकसित करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि महू जैसी सैनिक छावनी में अब तक कई बार परिषद बनती रही है और अधिकारी भी आते रहे हैं लेकिन किसी जनप्रतिनिधि और अधिकारी ने शायद ही कभी में नागरिक सेवाओं को विकसित करने के लिए इतनी प्रतिबद्धता दिखाई है।
छावनी परिषद के स्वास्थ्य अधीक्षक मनीष अग्रवाल बताते हैं कि इसके अलावा भी छावनी परिषद में सौंदर्यीकरण के लिए कई काम किए जा रहे हैं जिनका असर आने वाले दिनों में दिखना शुरु हो जाएगा। वे बताते हैं कि चौक-चौराहों पर नागरिकों के सहयोग से महू छावनी की एक तरह से ब्रांडिंग की जा रही है। नए उद्यान विकसित किए जा रहे हैं।
पिछले करीब डेढ़ साल में महू छावनी में सौंदर्यीकरण बढ़ा है। शहर के डीएसओआई चौराहे पर एलईडी स्क्रीन लगाई गई है। कई स्थानों पर महू छावनी की ब्रांडिंग की गई है। हालांकि इसे केवल विकास नहीं कहा जा सकता था ऐसे में छावनी परिषद का महू के नागरिकों को मनोरंजक और खेल सुविधाएं देना एक अच्छा कदम माना जाना चाहिए।
इसके अलावा महू के सबसे पुराने प्राथमिक स्कूल को भी संवारा जा रहा है। इस स्कूल में बच्चों की शिक्षा के लिए बेहतर व्यवस्थाएं जुटाई जा रहीं हैं। वहीं छावनी परिषद ने कचरा निस्तारण और भूजल में बढ़ोत्तरी के लिए काम शुरु किया है। माना जा रहा है कि इसके असर जल्दी ही देखने को मिलेंगे।