इंदौरः कांग्रेसी कार्यालय में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत करने वाले शहरी और ग्रामीण अध्यक्ष निलंबित


नोटिस में विजयवर्गीय के लिए लिखा है “ऐसा व्यक्ति जिसने इंदौर में लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की और देश विदेश में इंदौर का नाम खराब किय।”


DeshGaon
इन्दौर Updated On :

मध्य प्रदेश के इंदौर में कांग्रेस के शहर और ग्रामीण अध्यक्षों को बीजेपी के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत करना महंगा पड़ गया है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा और ग्रामीण अध्यक्ष सदाशिव यादव को उप संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने नोटिस जारी कर 7 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। हालांकि दोनों नेताओं ने अपने जवाब भेज दिए हैं और माफी भी मांग ली है लेकिन इसके बावजूद उन पर कार्रवाई की गई है। ऐसे में इस नोटिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। दोनों नेताओं ने कहा था कि विजयवर्गीय के कांग्रेस कार्यालय में आने पर उन्होंने सामान्य शिष्टाचार के नाते उनका स्वागत किया था इसमें उनकी कोई दूसरी मंशा नहीं थी।

बीस जुलाई को जारी हुए नोटिस में उप संगठन प्रभारी ने नोटिस में लिखा है कि एक ऐसा व्यक्ति, जिसने मां अहिल्या की नगरी में लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की और इंदौर की जनता से उनके मत का अधिकार छीनकर देश-विदेश में इंदौर को शर्मसार किया, का स्वागत इंदौर जिला कांग्रेस कमेटी गांधी भवन में करना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। आपको 7 दिनों में अपना स्पष्टीकरण देना होगा और इस अवधि में आपको आपके वर्तमान पद से निलंबित किया जाता है। हालांकि निलंबन को लेकर कांग्रेस में कई सवाल हैं क्योंकि बीस तारीख को नोटिस देने के बाद ही उन्हें निलंबित कर दिया गया था। हालांकि यह नोटिस जारी भी किया गया था या नहीं यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई थी।

 

 

इसके अलावा, लोकसभा चुनाव के दौरान कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय क्रांति बम को बीजेपी में शामिल करवाया था। इसके बाद इंदौर से 2024 लोकसभा चुनाव में कोई भी कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ सका, जिसके चलते बीजेपी से प्रत्याशी शंकर लालवानी को ऐतिहासिक जीत मिली।

सुरजीत चड्ढा और सदाशिव यादव को 7 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है और इस अवधि में उन्हें निलंबित कर दिया गया है। सुरजीत चड्ढा ने पहले किसी भी प्रकार के नोटिस मिलने से इंकार किया था, लेकिन यह नोटिस सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस घटना ने इंदौर में राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है और कांग्रेस पार्टी के अंदर खलबली मचा दी है। पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच इस घटनाक्रम को लेकर चर्चा तेज हो गई है।


Related





Exit mobile version