मध्य भारत का पहला चर्च जहां आज भी अंग्रेजी में प्रार्थना होती है। महू के माल रोड स्थित क्राइस्ट चर्च का अपना एक इतिहास है जो 200 साल पुराना है। किसी समय में मध्य भारत का यह एकमात्र चर्च था। यहां आज भी अंग्रेजी में प्रार्थना होती है। 200 साल में पहली बार इस चर्च को नया रूप दिया गया है।
क्राइस्ट चर्च एकमात्र ऐसा चर्च है जो किसी समय पूरे मध्य भारत का एकमात्र चर्चा था जिसमें प्रार्थना करने के लिए अन्य शहरों से भी ईसाई समाज के लोग यहां आया करते थे। वर्तमान में यह चर्च महू तहसील का एकमात्र चर्च है जिसमें आज भी अंग्रेजी में ही प्रार्थना होती है। यह चर्च अपने निर्माण के 200 साल पूरे कर चुका है जिसका अपना ही एक इतिहास है।
बताया जाता है कि इस चर्च का निर्माण 1823 में किया गया था मंदसौर संधि पर हस्ताक्षर करने के बाद सेना में शामिल ईसाई समाज के जवानों को प्रार्थना करने के लिए कोई स्थान नहीं था तब इस चर्च का निर्माण सेना के सिपाहियों ने किया था यह चर्च अपनी पुरानी शैली में ही बना हुआ है जिसमें लकड़ी चुने व मिट्टी का उपयोग किया गया ।
200 साल पुराने चर्च की स्थिति कुछ समय पूर्व जर्जर होती जा रही थी जिस समय-समय पर मरम्मत कर दुरुस्त तो किया जा रहा था लेकिन इन 200 साल में पहली बार बड़े स्तर पर इस चर्च का नवीनीकरण किया जा रहा है जिसमें मिट्टी छूने के प्लास्टर को हटाकर सीमेंट का पक्का प्लास्टर करवाया जा रहा है साथ ही इसका रंग रोगन भी किया गया।
इस चर्च का निर्माण अंग्रेजी गोथिक शैली में किया गया है जिस पर 10 मीटर ऊंची एक सुंदर मीनार है जो इस चर्च को खूबसूरत बनती है। बताया जाता है चर्च के निर्माण में किसी इंजीनियर का सहयोग नहीं लिया गया सेना के सैनिकों ने ही इसे बनाया था वर्तमान में इस चर्च की देखरेख कर मेजर एस पॉल रिटायर्ड ने बताया कि किसी समय में यह चर्च मध्य भारत का एकमात्र चर्च था तथा वर्तमान में इस चर्च में प्रार्थना करने के लिए 100 में से 90 लोग सेना से संबंधित होते हैं इसलिए इसमें समाज जनों की भीड़ कम होती है।
मेजर एस पॉल के अनुसार तहसील का यह एकमात्र ऐसा चर्च है जिसमें आज भी अंग्रेजी में ही प्रार्थना होती है जिसका मुख्य कारण यह है कि सेना में अन्य प्रदेशों के अधिकारी कर्मचारी व जवान रहते हैं जिन्हें हिंदी की समझ काफी कम होती है इसलिए इस चर्च में अंग्रेजी में प्रार्थना करना आसान समझते हैं और यही आते हैं।
कुछ दिन पुर्व इस चर्च ने अपने 200 साल पूरे किए हैं जिस उपलक्ष में एक आयोजन कर समाज के वरिष्ठों का सम्मान भी किया गया था। क्रिसमस पर्व को देखते हुए अन्य चर्च की तरह इस चर्च को भी हर वर्ष सजाया जाता है लेकिन इस वर्ष इस चर्च के 200 साल पूरे हुए हैं इसलिए इसे विशेष रूप से विद्युत सजावट कर सजाया गया