इंदौर। कॉलेज छात्रा के अपहरण और सामुहिक दुष्कर्म की शिकायत झूठी साबित हुई है। पुलिस ने इस मामले में जांच की तो पाया कि युवती ने अपने पड़ोस में रहने वाले एक युवक को फंसाने के लिये यह साज़िश रची। पुलिस ने अपनी जांच में मेडिकल जांच को आधार बनाया है और इसी के आधार पर मामले को खत्म किया है हालांकि शिकायत करने वाली युवती के खिलाफ़ अब मामला दर्ज किया जाएगा।
इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने युवती के बयान के आधार पर घटना स्थल पर जाकर पूरी घटना का रिक्रिएशन करने की कोशिश की लेकिन बयान के आधार पर यह सही साबित नहीं हो रहा था। उक्त युवती ने अपने पड़ोसी अक्षय गुप्ता नाम के युवक उसके साथियों के पर सामुहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था।
पुलिस जब उस युवक से पूछताछ करने पहुंची तो वह अपने घर में टीवी देख रहा था। यही नहीं पुलिस ने युवक के बयान के आधार पर जब उसकी लोकेशन ली तो वह भी सही पाई गई। इसमें युवक के सीसीटीवी फुटेज भी कई स्थानों से जुटाए गए। ऐसे में पुलिस ने युवती के बयानों को पूरी तरह गलत पाया।
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इसके अलावा भी युवती के शरीर पर जो घाव थे जब उनका मेडिकल टेस्ट किया गया तो वे भी गलत साबित हुए। मेडिकल विशेषज्ञों ने साफ कहा कि यह घाव युवती ने अपने हाथों से किसी धारदार हथियार से अपने आप को दिये हैं। मेडिकल जांच में भी दुष्कर्म की पुष्टी नहीं हुई। ऐसे में जब पुलिस का शक बढ़ गया तो एक महिला इंस्पेक्टर को युवती से पूछताछ करने को कहा गया। इस पूछताच में युवती टूट गई और उसने सारी कहानी कह दी।
बताया जाता है कि युवती ने जिस अक्षय नाम के युवक को आरोपी बनाया था वह पहले उसका दोस्त था और फिर दोस्ती टूट गई तो वह रेलवे पटरी पर सुईसाईड करने पहुंच गई लेकिन फिर उसने कहानी बदल ली और अक्षय को फसाने के लिए एक पूरी तैयारी कर पुलिस के पास पहुंच गई। उक्त युवती पहले भी छेड़छाड़ की दो शिकायत दर्ज करा चुकी है और सेटलमेंट के नाम पर पैसे भी वसूल चुकी है। इनमें से एक आरोपी जेल में भी है।