इंदौर। यात्री किराये में बढ़ोतरी को लेकर पूर्व घोषित बस हड़ताल गुरुवार को ही वापस ले ली गई थी, लेकिन जानकारी के अभाव में इंदौर में अलग-अलग बस स्टैंड पर यात्रियों की संख्या न के बराबर नजर आई।
सुबह चलने वाली बसों में तो यात्रियों को कम किराये के लुभावनी छूट भी बस ड्राइवर और कंडक्टर देते नजर आये बावजूद इसके बसों को सवारियां नहीं मिली। दोपहर बाद यात्रियों के लिहाज से हालात सामान्य हो सकते हैं।
दरअसल, मध्यप्रदेश के अधिकतर बस ऑपरेटर्स ने अलग-अलग संगठनों के माध्यम से एक दिवसीय हड़ताल की घोषणा 3 दिन पहले की थी।
डीजल के बढ़ते दामों और यात्री किराये में बढ़ोतरी को लेकर 26 फरवरी शुुक्रवार को बस संचालन बन्द करने के निर्णय लिया था। 3 दिन पहले से ही तमाम मीडिया माध्यम आम यात्री तक इस बात की सूचना पहुंच गई थी, लेकिन हड़ताल के एक दिन पहले ही परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने 1 मार्च से किराया बढ़ाने की मांग मान ली।
जिसके बाद बस संगठनों ने हड़ताल वापस ले ली थी, लेकिन इस बात की जानकारी आम लोगो तक नहीं पहुंच पाई। जिसके चलते आज सुबह से बस स्टैंड पर केवल बसें ही खड़ी दिखाई लेकिन उनमें सफर करने वाले यात्री नदारद थे।
जानकारी के अभाव में निर्मित हुई इस स्थिति के बाद आज सुबह जब हड़ताल समाप्त होने के बसें निकाली गई तो सवारियां नहीं थी जिसके चलते बस संचालकों को एक दिन के डीजल का भुगतान व्यर्थ में ही करना पड़ा जिससे उनको नुकसान हो रहा है।
सुबह 11 बजे तक सभी बसें बेबस नजर आ रही थी। हालांकि माना जा रहा है दोपहर बाद यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।
फिलहाल, इंदौर के सरवटे, गंगवाल और नवलखा बस स्टैंड से बसों का संचालन जारी है। वहीं यात्रियों के लिये ये बुरी खबर है कि अब उन्हें पेट्रोल, डीजल और घरेलू गैस के दामों में बढ़ोतरी के साथ ही बसों में सफर करना महंगा पड़ेगा।