गुजरात से आए विधायक के सामने महू के नेता बोले जब उषा ठाकुर हमें तरजीह नहीं देतीं तो कार्यकर्ता और जनता की तो गिनती ही नहीं…


विधायक उषा ठाकुर के प्रति दिखाई दी बड़ी नाराज़गी, इस बार महू में स्थानीय विधायक की मांग तेज़


अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और तैयारियां तेज़ हो चुकी हैं। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने इंदौर के सभी विधानसभा क्षेत्रों में गुजरात के विधायक बुलाए हैं जो उन क्षेत्रों में जाकर स्थानीय नेताओं से मिलकर स्थिति का अंदाज़ा ले रहे हैं। महू में गुजरात के नाड़िया के विधायक पंकज भाई देसाई पहुंचे हैं जो कार्यकर्ताओं और नेताओं से मेल मुलाकात कर रहे हैं।

रविवार को पंकज भाई देसाई ने स्थानीय नेताओं से मेल मुलाकात की। इस दौरान उनसे कार्यकर्ताओं ने जो मांग की वह स्थानीय प्रत्याशी की रही। हालांकि जितने भी दावेदार गिनाए जा रहे हैं उन्होंने ऐसी मांग चाहते हुए भी नहीं दोहराई क्योंकि उन्हें पता है कि पार्टी में इस तरह की राय देना भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है।

मौजूदा विधायक उषा ठाकुर भी और  बीते चुनावों में जब एक स्थानीय नेता ने उनका विरोध किया तो तब यहां से विधायक रहे कैलाश विजयवर्गीय ने उसे बुरी तरह डांटा था। अब वह नेता भाजपा में खास सक्रिय नहीं हैं। ऐसे में स्थानीय दावेदार बाहरी का विरोध चाहकर भी नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी इस राय के लिए कोई जगह नहीं है।

हालांकि दावेदारी से दूर कुछ सीनियर नेता और पार्टी कार्यकर्ताओं ने महू सीट का हाल जानने के लिए आए पंकज भाई देसाई के सामने अपना पक्ष खुलकर रखा। उन्होंने कहा कि बीते पांच सालों में महू भाजपा की स्थिति काफी बिगड़ी है। स्थानीय कार्यकर्ता पार्टी से दूर हुए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मौजूदा विधायक उषा ठाकुर का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा। न तो क्षेत्र में कोई महत्वपूर्ण विकास कार्य हुए और न ही लोगों को विश्वास में लिया गया।

महू के नेताओं ने शिकायत की कि विधायक बनने के बाद उषा ठाकुर महू में न के बराबर सक्रिय थीं और भाजपा की सरकार जब फिर बनी तो उन्हें मंत्री बना दिया गया इसके बाद भी उनका रवैया खास नहीं बदला। इन नेताओं ने कहा कि ठाकुर जब वरिष्ठ नेताओं को तरजीह नहीं देतीं तो छोटे कार्यकर्ताओं और खासकर जनता की कोई गिनती ही नहीं होती। ऐसे में इस बार महू से स्थानीय नेता की मांग तेज है।

इस मांग का आधार सांसद छतरसिंह दरबार भी रहे। नेताओं ने देसाई को बताया कि उन्हें एक ऐसे नेता के लिए काम करना पड़ रहा है जो महू की भौगोलिक स्थिति भी नहीं जानता  और ना ही नेता व कार्यकर्ताओं की जानकारी रखता है। दरबार ने पिछले 5 सालों में उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिसके कारण एक सांसद के रूप में उन्हें याद रखा जाए।

स्थानीय विधायक उषा ठाकुर के द्वारा महत्वपूर्ण विकासकार्य के सवाल पर नेताओं ने कहा कि ठाकुर के पास गिनाने के लिए कुछ नहीं है। बस जब से वे संस्कृति मंत्री बनीं हैं तो उन्होंने कुछ भजन संध्याएं आदि का सरकारी आयोजन ही केवल करवाया है। जो भूमिपूजन किए गए उनका काम अब तक शुरु नहीं हुआ और चुनाव की बेला आ गई है।

देसाई ने रविवार को जिन अहम नेताओं से मुलाकात की उनमें युवा मोर्चा के मनोज ठाकुर, शेखर बुंदेला, छावनी परिषद के पदेन उपाध्यक्ष शिव शर्मा, भाजपा के नगर अध्यक्ष पीयूष अग्रवाल  सहित कुछेक नेता मौजूद रहे। वहीं कई नेताओं ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाई। इसकी वजह भी यही रही कि वे नहीं चाहते थे कि वे स्थानीय विधायक की कोई आलोचना सीधे तौर पर करें और यह संदेश ताकतवर नेताओं तक जाए।

देसाई ने रविवार को पहले दिन उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। इसके साथ ही अंबेडकर स्मारक परशुराम जयंती टंट्या मामा प्रतिमा पर पहुंचकर माल्यार्पण किया है। सोमवार को देसाई मंडल अध्यक्ष व कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। वहीं अंतिम दिन एक विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन होगा।

 


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