महूः महाराष्ट्र बैंक के बाद अब बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच की बंद, बाहर से ही ग्राहकों को लौटाया


बैंक के बाहर महूगांव नगर सुरक्षा परिषद के कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया जो ग्राहकों को बाहर से ही वापस घर भेज रहे थे जबकि नगर परिषद के सीएमओ ने स्वयं मौजूद रह कर आवेदनों का निराकरण करवाया।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
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– ऋण आवेदनों का निराकरण नही करने पर बैंक शाखा बंद की।
– शाखा के बाहर तैनात नगर परिषद के कर्मियों ने ग्राहकों को लौटाया।
महू। स्ट्रीट वेंडरों के ऋण आवेदनों को समय सीमा में निराकरण नहीं करने पर बुधवार को धारनाका स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा को ग्राहकों के लिए बंद कर दिया गया।

बैंक के बाहर महूगांव नगर सुरक्षा परिषद के कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया जो ग्राहकों को बाहर से ही वापस घर भेज रहे थे जबकि नगर परिषद के सीएमओ ने स्वयं मौजूद रह कर आवेदनों का निराकरण करवाया।

गरीबों को उनके रोजगार शुरू करने के लिए ऋण देने की योजना में लापरवाही करने वालों के खिलाफ अब महू तहसील में बुधवार को दूसरी कार्रवाई की गई।

शिकायत मिलने पर धारनाका स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा को बुधवार को एसडीएम के निर्देश पर आम ग्राहकों के लिए बंद कर दिया गया। शाखा के बाहर महूगांव नगर परिषद के कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया जो शाखा में आने वाले ग्राहकों को बाहर से वापस घर भेज रहे थे। इस कारण सैकडों ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

शिकायत मिली थी कि बैंक शाखा द्वारा स्ट्रीट वेंडरों के ऋण आवेदनों का निराकरण नहीं किया जा रहा है। इसमें आवेदकों को स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए ग्यारह-ग्यारह हजार रुपये का ऋण दिया जाना है। इसके लिए शाखा में करीब पांच सौ आवेदन किए गए हैं।

इसकी जानकारी एसडीएम अभिलाष मिश्रा को लगी, जिसके बाद एसडीएम मिश्रा ने पूरी जानकारी निकाली तो पता चला कि बैंक द्वारा पात्र आवेदकों को ऋण देने में लापरवाही बरती जा रही है।

इस पर बुधवार को बैंक शाखा को आम ग्राहकों के लिए बंद कर दिया गया। बैंक ब्रांच को सील कर दिया गया। इस दौरान महूगांव नगर परिषद के सीएमओ आधार सिंह ने स्वयं बैंक कर्मचारियों के साथ पूरे दिन मौजूद रहकर आवेदनों की जांच करवाई तथा स्वीकृत करने की प्रक्रिया को पूरा करवाया।

इस संबंध में सीएमओ आधार सिंह ने कहा कि नेट की परेशानी तथा स्टाफ की कमी के कारण आवेदनों को स्वीकृत करने में देरी हो रही है। आवेदनों के तत्काल निराकरण के लिए यह कदम उठाया गया है।

उल्लेखनीय है कि 22 दिसंबर को इसी लापरवाही के कारण कोदरिया की बैंक ऑफ महाराष्ट की शाखा को भी बंद किया गया था। इसके बाद यहां आए सैकड़ों आवेदनों का निराकरण हो गया।


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