सोमवार को महू में राजनीतिक हलचल रही। भाजपा और जयस के उम्मीदवारों ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए जोरदार रैली निकाली और इसके बाद तहसील कार्यालय में नामांकन जमा किया। भाजपा के नाराज वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा प्रत्याशी की रैली से अपने आप को पूरी तरह दूर रखा जबकि कांग्रेस प्रत्याशी ने इंदौर में प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में अपना नामांकन जमा किया।
सोमवार को महू शहर में राजनीतिक रैलियां होती रहीं। भाजपा प्रत्याशी उषा ठाकुर ने अपने हजारों समर्थकों के साथ एक वाहन रैली निकाली, जो नगर के प्रमुख मार्ग से होती हुई ड्रीमलैंड पहुंची इसके बाद अपने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ निर्वाचन कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन जमा किया।
उषा ठाकुर के साथ रैली में कंचन सिंह चौहान, जनपद अध्यक्ष सरदार मालवीय, करण सिंह ठाकुर, मुकेश शर्मा आदि नेता मौजूद रहे। रैली में बड़ी संख्या में युवा कार्यकर्ता वाहनों पर नारेबाजी करते हुए चल रहे थे वहीं दूसरी और विधानसभा में पहली बार जयस ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। जयस उम्मीदवार प्रदीप मावी के समर्थन में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के युवा कार्यकर्ता मौजूद रहे। ड्रीमलैंड चौराहे पर सैकड़ो की संख्या में जयस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी तथा इसके बाद रैली के रूप में निर्वाचन कार्यालय कर उन्होंने अपना नामांकन जमा किया।
कांग्रेस प्रत्याशी राम किशोर शुक्ला ने अपना जनसंपर्क दोपहर बाद शुरू किया इसके पूर्व वे अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के रैली में इंदौर पहुंचे। शुक्ला ने इंदौर में अपना नामांकन जमा किया। इसके बाद रामकिशोर शुक्ला ने ग्रामीण क्षेत्र बरदरी, शिवनगर, जोशी गुराडिया, घोसी खेड़ा, चिखली गोकलया आदि क्षेत्रों में जनसंपर्क कर मतदाताओं से आशीर्वाद मांगा।
दूर ही रहे नाराज नेताः भाजपा प्रत्याशी उषा ठाकुर की नामांकन रैली में भीड़ जरूर थी लेकिन पार्टी के नाराज वरिष्ठ भाजपा नेताओ ने पूरी तरह इस रैली से दूरी बनाए रखी। जिन नाराज नेताओं ने कुछ दिन पूर्व गौशाला परिसर में आयोजन किया था उनमें से एक भी नेता इस रैली में शामिल नहीं हुआ और ना हीं उन्होंने प्रत्याशी का स्वागत किया। चर्चा है कि उषा ठाकुर के समर्थन में काम करने के लिए अन्य शहरों से कई वरिष्ठ स्वयंसेवक पहुंच चुके हैं वहीं नाराज कार्यकर्ता को मनाने की जिम्मेदारी इंदौरी नेता को सौंपी गई है।
दरबार बिगाड़ रहे हैं गणितः कांग्रेस प्रत्याशी राम किशोर शुक्ला का गणित निर्दलीय उम्मीदवार अंतर सिंह दरबार बिगाड़ रहे हैं। चर्चा है कि उन पर काफी दबाव बनाया जा रहा है कि वह किसी तरह अपना नामांकन वापस ले लें लेकिन वे हैं कि मान नहीं रहे हैं अगर अंतिम समय तक उन्होंने अपना नामांकन वापस नहीं लिया तो कांग्रेस प्रत्याशी रामकिशोर शुक्ला का राजनीतिक गणित पूरी तरह गड़बड़ा जाएगा संभवतः इसका सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा।
दरबार के आलोचक इसे लेकर कह रहे हैं कि अप्रत्यक्ष तौर पर भारतीय जनता पार्टी की मदद कर रहे हैं। हालांकि दरबार खुद को आहत बताते रहे हैं, वे कहते हैं कि शुक्ला को टिकिट देने की बजाए कांग्रेस किसी भी पुराने कार्यकर्ता को टिकिट दे सकती थी तो वे उनका समर्थन करते हालांकि उनके आलोचकों का एक तर्क यह भी है कि दरबार ने अपने कार्यकाल के दौरान महू में दूसरी पंक्ति का एक भी नेता खड़ा नहीं होने दिया। इसका नुकसान भी कांग्रेस पार्टी को और उन्हें भी खूब हुआ लेकिन इसके बावजूद दरबार ने इसे अपनी सफलता ही माना।