महू छावनी के नजदीकी गांव में कबाड़ की दुकान पर मिल रहे सेना के बम


पुलिस ने 8 गांवों में मारा छापा, भंगार की दुकानों पर फायरिंग रेंज से लाई गई चीजें मिलीं, इनमें करीब 15 बम भी शामिल हैं, एसपी और एएसपी दोनों अधिकारी मुस्तैदी से कर रहे जांच


अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

इंदौर। महू छावनी के नजदीक कुछ इलाकों में मंगलवार को पुलिस ने भंगार की दुकान और लोगों के घरों में छानबीन की जिसमें करीब 15 से अधिक बम और खोल बरामद हुए हैं। पुलिस के मुताबिक इन बमों में ज्यादातर निष्क्रिय है लेकिन कुछेक में बारूद अभी भी शेष है जिसे डिफ्यूज किया जा रहा है। यह बम सेना की फायरिंग रेंज से लाए गए बताए जा रहे हैं। इस दौरान स्थानीय सैन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।

मंगलवार सुबह से ही इस मामले में स्थानीय पुलिस खासी गंभीर नजर आई। देशगांव ने भी इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया था जिसके बाद पुलिस की यह कार्रवाई देखने को मिली है।

महू छावनी के नजदीक बेरछा गांव में हुई घटना के बाद अब पुलिस और सेना दोनों ही चिंतित हैं। घटना के बाद साफ हो चुका है कि अब सेना का गोला बारूद आम लोगों के घरों के अंदर भी पहुंच चुका है। इसी बात की जांच पिछले कुछ दिनों से जारी थी और मंगलवार को इसे लेकर सफलता भी मिल गई।

एएसपी शशिकांत कनकने ने बताया बेरछा की घटना के बाद लगातार जा जारी थी और इस बीच लोगों के घर पर बम मिलने वाली बात चिंताजनक थी। इसके बाद पुलिस ने एसपी बीएस बिरदे के निर्देशन में जांच शुरू की और कई घरों में एक साथ छापे मारे।

एएसपी ने बताया कि गोला बारूद की खोज में पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की है। इस दौरान कुछ लोग मौके से फरार भी हो गए। एएसपी के मुताबिक पुलिस ने 8 गांवों में यह छापेमारी की है यह सभी गांव सेना की फायरिंग रेंज के इर्द-गिर्द बसे हुए हैं। इनमें गंगलिया खेड़ी, मेण, छोटी जाम, जाम खुर्द, बडगोंदा, डोंगरगांव और गायकवाड शामिल हैं।

 

पुलिस ने गायकवाड़ की एक कबाड़ की दुकान से बड़ी मात्रा में फायरिंग रेंज से बटोरी गई गोला बारूद के हिस्से बरामद किए हैं। इसके अलावा बहुत से लोगों ने इस छापेमारी के डर से अपने घरों में जमा गोला बारूद खेतों या दूसरे खुले मैदानों में फेंक दिया है जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।

उल्लेखनीय है कि छावनी के आसपास बसे गांव में लोग अकसर सेना की फायरिंग रेंज में अनाधिकृत तौर पर प्रवेश करते हैं और सेना के अभ्यास सत्र के दौरान उपयोग किए हुए गोला बारूद के खोल और कई बार तो जिंदा बम भी बटोर कर ले आते हैं। इस दौरान कई बार बम फटने की घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें कई लोगों की मौत भी हुई है।

 


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