टैक्स वसूली के लिए सम्मानित सरपंच पर FIR, जनता से 73 लाख का जल कर लिया और इंदौर नगर निगम को दिया बस 23 लाख


इंदौर जिले की महू जनपद में कोदरिया पंचायत की सरपंच अनुराधा जोशी और सचिवों ने लोगों से नर्मदा पानी की सप्लाई का जलकर तो वसूला लेकिन नगर निगम जमा नहीं किया, पानी की यहां सबसे ज्यादा समस्या लेकिन वाटर एटीएम में भी किया घोटाला।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
पूर्व सरपंच अनुराधा जोशी और उनके पति अरुण जोशी की तस्वीर, अनुराधा जोशी का नाम जहां आरोपियों में हैं वहीं उनके पति का नाम एफआईआर में उल्लेखित है।


इंदौर। महू तहसील की कोदरिया ग्राम पंचायत की पूर्व सरपंच अनुराधा जोशी पर FIR दर्ज की गई है।  भाजपा सर्मथित पूर्व सरपंच और सचिवों पर जनता के टैक्स के पैसों का दुरुपयोग करने का आरोप है। दिलचस्प बात ये है कि जिन महिला सरपंच पर 65 लाख रुपये की हेराफेरी करने को लेकर ये एफआईआर दर्ज हुई है। यह एफआईआर चुनाव के 23 जून को दर्ज हुई थी जिसे अब जाहिर किया गया है। पूर्व सरपंच को टैक्स वसूली मॉडल के लिए देश प्रदेश में कई पुरुस्कार दिये जा चुके हैं यही नहीं इसे लेकर उनके उपर एक डॉक्युमेंट्री भी बनाई गई है।

बताया जाता है कि भारतीय जनता पार्टी सर्मथित इन सरपंच पर हुई जांच के दौरान आरोप तो काफी पहले सिद्ध  हो चुके थे लेकिन पंचायत चुनाव के बाद इन पर कार्रवाई की शुरुआत हो सकती है हालांकि इसी तरह चुनाव से ठीक कुछ दिनों पहले एक  महू की ही एक कांग्रेस सर्मथित महिला सरपंच और उनके पति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर FIR दर्ज की गई थी। जिन्हें एक महीने तक पुलिस खोजती रही।

इस FIR के मुताबिक पूर्व सरपंच जोशी पर लोगों के द्वारा जमा किए जाने वाले टैक्स की राशि से ही ही भ्रष्टाचार किया है। आरोप है कि लोगों से टैक्स तो लगातार वसूला गया लेकिन उसे नियमानुसार आगे इंदौर नगर निगम को भुगतान नहीं किया गया।

कोदरिया पंचायत में पेयजल की उपलब्धता एक बड़ी समस्या है और इसी के लिए वसूले गए टैक्स में जोशी और पंचायत सचिवों ने भ्रष्टाचार किया। इसके अलावा लोगों को ठंडा पानी उपलब्ध कराने के लिए वाटर एटीएम योजना में भी भ्रष्टाचार किया गया और निर्माण कार्यों में भी भ्रष्टाचार साबित हुआ है।

यह कार्रवाई जिला पंचायत  की ओर से ही की गई है। इसमें शिकायतकर्ता खंड पंचायत अधिकारी सुनील नामदेव हैं। एफआईआर के मुताबिक आरोपियों पर करीब 65 लाख रुपये की अनियमितता निकाली गई है जिसकी वसूली की जाएगी।

कोदरिया ग्राम पंचायत की पूर्व सरपंच अनुराधा जोशी पर आरोप है कि उनके कार्यकाल के दौरान लोगों से 2014 से 2021 के दौरान  7393486 रुपये की राशि जल कर के रुप में ली गई। इस दौरान नर्मदा जल सप्लाई के लिए देय राशि के रुप में इंदौर नगर निगम को करीब 2276000 रुपये की ही राशि जमा करवाई गई। ऐसे में निगम के  5,11,7485 रुपये की राशि की नागरिकों से वसूलने के बाद भी नगर निगम इंदौर को नहीं दी गई।

उल्लेखनीय है कि इस राशि के बारे में निगम ने कई बार पंचायत पर दबाव बनाया और राशि की वसूली के लिए पानी की सप्लाई भी बंद कर दी। ऐसे में गांव के आम लोगों को परेशानी हुई और बड़े नेताओं के दबाव और जनहित को देखते हुए यह सप्लाई दोबारा शुरु कर दी जाती थी लेकिन इस दौरान पंचायत जल कर की वसूली जारी रखती थी।

स्थानीय अख़बारों में कोदरिया की जल समस्या को लेकर ख़बरें

वहीं दूसरी अनियमितता भी पानी से ही जुड़ी है। आरोप है कि पूर्व सरपंच अनुराधा जोशी ने वाटर एटीएम के संचालन में भी बड़ा भ्रष्टाचार किया है।  वाटर एटीएम के तहत गांव में ठंडा पानी वितरण करने के लिए एटीएम वाहन लगाने की योजना थी जो लगाए भी गए। इसकी 10% राशि ग्राम पंचायत में जमा होनी थी। चार एटीएम गाड़ी का विक्रय किया गया था इसको लेकर जब गोपनीय शिकायत पंचायत विभाग को मिली तो अधिकारियों ने इसकी जांच की।

एफआईआर के मुताबिक वाटर एटीएम के माध्यम से पानी लोगों को दिया जा रहा था और इससे मिलने वाली राशि का दस प्रतिशत यानी करीब 230350 रुपये पंचायत में जमा किये जाने थे लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जांच के दौरान जब जांच अधिकारी ने इसके बारे में सरपंच अनुराधा जोशी से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उक्त राशि को अन्य विकास कार्य पर खर्च कर दिया गया लेकिन उन्होंने कौन सा विकास किया इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी। ऐसे किसी भी विकास कार्य के लिए अनुराधा जोशी ने नियमानुसार जिला पंचायत से कोई अनुमति नहीं ली। ऐसे में इसका कोई हिसाब किताब भी विभाग या अधिकारियों को नहीं सौंपा।

इसके साथ ही जो वाहन वाटर एटीएम के लिए उपयोग में लाए जा रहे थे वे ठेकेदार कंपनी द्वारा नहीं दिये गए थे और राजेंद्र शर्मा के नाम  रजिस्टर्ड थे। राजेंद्र शर्मा अनुराधा जोशी के नजदीकी रिश्तेदार, भाई बताए जाते हैं। वहीं वाहन जिस पते पर रजिस्टर्ड है वह पूर्व सरपंच अनुराधा और पति अरुण जोशी का है। इस तरह जोशी ने अपने ही रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाया।

इसके अलावा पंचायत में निर्माण कार्यों की जांच के दौरान भी अनियमितताएं मिली हैं। यहां 2014 से 2021 तक हुए सभी विकास कार्यों की जांच की गई। इसी साल मार्च से अप्रैल के बीच हुए इस भौतिक सत्यापन में पाया कि निर्माण कार्यों के लिए दिखाए गए खर्च के सामने 12,31150 रुपये की अनियमितता हुई है।

इस तरह कुल तीन मामलों की जांच हुई है। पहले मामले में 5117485, वाटर एटीएम में अनियमितता के दूसरे मामले में 2,30350 और विकास कार्यों में अनियमितता के तीसरे मामले में 12,31150 रुपये की राशि की अनियमितता पाई गई है। इस तरह कुल 6578958 रुपये की अनियमतिता हुई है जिसकी वसूली की जानी है।

तत्कालीन पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव के साथ कोदरिया की पूर्व सरपंच अनुराधा जोशी

राजनीतिक दबाव में रुकी थी कार्रवाईः

बताया जाता है कि अनुराधा जोशी के खिलाफ आरोप कई वर्ष पूर्व साबित हो चुके थे लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी लेकिन अब जिला पंचायत इसके लिए हरी झंडी दे दी है जिसके बाद महू जनपद पंचायत के खंड पंचायत अधिकारी सुनील कुमार नामदेव ने अनुराधा जोशी सहित उनके कार्यकाल में पंचायत में पदस्थ रहे पांच सचिवों के खिलाफ़ प्रकरण दर्ज कराया है।

कोदरिया सरपंच रहीं अनुराधा जोशी ने अपने टैक्स वसूली मॉडल को लेकर खूब वाहवाही लूटी। उन्हें इसके लिए कई तरह के पुरुस्कार भी दिये गए। आए दिन उनके करवसूली के मॉडल की ख़बरें अख़बारों में प्रकाशित होतीं और उन्हें शासन के पुरुस्कार दिये जाते। इस बीच लगातार पानी की कमी की शिकायतें हो रहीं थीं लेकिन उस समय इन पर ध्यान नहीं दिया गया। जोशी के टैक्स वसूली मॉडल की इतनी सराहना हुई कि उन पर एक डॉक्युमेंट्री भी बनाई गई।

 

चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस सरपंच पर हुई थी कार्रवाईः

उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व ग्राम पंचायत मेण की भी पूर्व सरपंच के खिलाफ अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद पुलिस ने बेहद सख्ती से उनकी खोजबीन की। मामले में मेण गांव की सरपंच और उनके पति को आरोपी बनाया गया था और करीब एक महीने तक उन्हें कोर्ट से जमानत नहीं मिली थी। हालांकि अब तक कोदरिया के इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

 

इनके ख़िलाफ़ दर्ज हुई एफआईआर

  1. अनुराधा जोशी, पूर्व सरपंच, कोदरिया पंचायत
  2. दया शंकर आर्य, पूर्व सचिव, कोदरिया पंचायत
  3. श्री राम बरोलिया, पूर्व सचिव, कोदरिया पंचायत
  4. मनोज चौहान, पूर्व सचिव, कोदरिया पंचायत
  5. मदन मालवीय, पूर्व सचिव, कोदरिया पंचायत
  6. नरेंद्र पड़िहार, सचिव कोदरिया पंचायत

 

कोदरिया ग्राम पंचायत में ग्राम सभा बैंठकों का भी नियमित रूप से आयोजन नहीं किया गया। उपसरपंच सुनील यादव ने 11 मई 2022 को इस संबंध को लेकर एक शिकायत की थी जो जांच में सही पाई गई बताया जाता है कि पूर्व सचिव नरेंद्र पड़िहार ने जब से ग्राम पंचायत कोदरिया का कार्यभार संभाला था तब से निर्वाचित पंचों की एक भी बैठक आयोजित नहीं की गई। जिसमें सरपंच सचिव पूर्ण रूप से दोषी पाए गए। सरपंच व सचिव के खिलाफ मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा उन 90 में प्रकरण पंजीबद्ध कर अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।

 

यहां पढ़िये एफआईआरः


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