ड्यूटी लगाए जाने से नाराज़ एनेस्थीसिया विशेषज्ञ ने दे दिया इस्तीफ़ा, अब महंगे प्राईवेट डॉक्टर के भरोसे सरकारी अस्पताल के मरीज़


अस्पताल में जारी है अंदरूनी राजनीति, रोज बिगड़ रहीं व्यवस्थाएं और मरीज़ हो रहे परेशान


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

इंदौर। शासकीय अंबेडकर अस्पताल के हाल इन दिनों लगातार बेहाल होते जा रहे हैं डॉक्टरों की मनमानी के चलते रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस अस्पताल में  एनिस्थीसिया यानी बेहोशी की दवा देने वाली एकमात्र चिकित्सक ने भी धमकी भरे अंदाज़ में इस्तीफा दे दिया। अब प्रसूति कराने वाली महिला रोगियों को बेहोश करने के लिए बाहर से चिकित्सक बुलाया जा रहा है।

तहसील के शासकीय अंबेडकर अस्पताल की हालत लगातार गिरती जा रही है। यहां आने वाले रोगियों को स्वस्थ होने के पहले भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।जिसका उदाहरण हाल ही में देखा गया। डॉ. योगेश सिंगारे जब से नए प्रभारी बने हैं तब से यहां के चिकित्सक और कर्मचारी दो गुटों में बंट गए हैं। अंदरूनी तौर पर हो रही बातों में आरोप है कि एक गुट इस अस्पताल के संचालन में परेशानी पैदा कर रहा है।

जानकारी के अनुसार प्रभारी ने 4 अगस्त को प्रसूति विभाग में बेहोशी करने वाले चिकित्सक तस्लीम अली जोहर की ड्यूटी लगा दी जो कि अस्पताल में बेहोश करने वाली एकमात्र चिकित्सक है। उन्होंने ड्यूटी लगते हैं एक धमकी भरा इस्तीफा प्रभारी को सौंप दिया उनका कहना है कि बेहोशी करने वाले चिकित्सक की इमरजेंसी ड्यूटी नहीं लगती है ऐसी स्थिति में अगर उनकी ड्यूटी कैंसिल नहीं की जाती है तो अपने पद से इस्तीफा दे रही हैं।

सोमवार को अस्पताल में 4 गर्भवती महिलाओं के ऑपरेशन होने थे जिनके लिए चिकित्सक की अति आवश्यकता थी ऐसे स्थिति को देखते हुए 2 रोगियों को तो इंदौर रेफर कर दिया गया जबकि एक रोगी के परिजन ने रेफर किए जाने पर शिकायत एसडीएम से कर दी। जिसके बाद तत्काल एक दूसरे निजी डॉक्टर की सुविधा ली गई। जिसके लिए प्रति रोगी को बेहोश करने के बदले 4000 रुपए रोगी कल्याण समिति से भुगतान करना पड़ेगा।

अस्पताल का ऑपरेशन कक्ष

रोगी कल्याण समिति के पास नाम मात्र की राशि जमा है ऐसी स्थिति में रोगियों को बेहोश करने के लिए कब तक बाहर से चिकित्सको बुलाया जाएगा। हालांकि अभी तस्लीम अली जौहर का इस्तीफा पुलिस अधिकारियों तक नहीं भेजा गया।

अचरज इस बात का है कि इस अस्पताल में 3 स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, इनमें डॉ. रीना चुरिहार, डॉ. सीमा सोनी तथा डॉ. निकुंजा सुले हैं।  तीन स्त्री रोग विशेषज्ञ होने के बाद भी प्रसूति विभाग में बेहोशी करने वाले चिकित्सक की ड्यूटी लगाई गई।

इसके अलावा इस अस्पताल में चल रही अंदरूनी राजनीति के कारण यह अव्यवस्था बन रही है। वहीं दूसरी ओर प्रभारी डॉ योगेश सिंगारे का कहना है कि डॉक्टर तस्लीम अली जौहर चाहे जब अवकाश पर चली जाती हैं जबकि नियम के अनुसार उनके पास अवकाश नहीं रहता। डॉ. सिंगारे ने बताया कि इसके अलावा अपनी मनमानी के हिसाब से काम करती हैं।

आपातकालीन स्थिति व अवकाश के दिनों में भी वह काम करने से स्पष्ट मना कर देती हैं।  जिस कारण रोगियों को काफी परेशानी होती है। हमने नियमानुसार ही उनकी ड्यूटी लगाई है उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया विगत 2 दिन से ड्यूटी पर नहीं आ रही है हमने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी व कार्रवाई करने के लिए कहा है।



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