इंदौर। महू शहर में सोमवार को एक टीवी मकैनिक की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद आज मंगलवार को शहर में अग्रवाल समाज के लोगों ने तीखा विरोध किया। मृतक व्यापारी नीलेश अग्रवाल के पोस्टमार्टम को लेकर भी अग्रवाल समाज के लोग और उनके परिजन खासे नाराज दिखाई दिए।
दरअसल पोस्टमार्टम में सुबह तो डॉक्टर के आने में देरी हुई और इसके बाद भी काफी समय लगा। बताया जाता है कि नीलेश को जो चार गोलियां मारी गई थी उनमें से एक पोस्टमार्टम में भी शरीर के अंदर से नहीं मिली इसके लिए 5 बार मृत शरीर का एक्स-रे करना पड़ा।
वहीं व्यापारियों ने शहर में उनके एक साथी पर हुए हमले पर कड़ा विरोध जताया है। अग्रवाल समाज के लोगों ने सुबह से ही गोकुल गंज चौराहे पर सड़क पर बैठकर धरना दिया और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इस दौरान उन्होंने आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की।
इसके बाद अग्रवाल समाज के लोगों का गुस्सा स्थानीय विधायक और मंत्री उषा ठाकुर और प्रशासनिक अधिकारियों पर भी दिखाई दिया। समाजजनों ने आरोप लगाया कि जब भी आवश्यकता होती है तो प्रशासन बिना किसी झिझक के अग्रवाल समाज के व्यापारियों को अपनी मांगे बता देता है लेकिन आज प्रशासन का एक नुमाइंदा भी पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पहुंचा। वहीं स्थानीय विधायक उषा ठाकुर के खिलाफ लोगों में गुस्सा नजर आया। लोगों ने कहा कि स्थानीय विधायक होने के नाते उन्हें पीड़ित परिवार से आकर मिलना चाहिए था लेकिन वे यहां नहीं पहुंची। हालांकि इस प्रदर्शन में भाजपा नेता और शहर अध्यक्ष पियूष अग्रवाल मौजूद रहे।
इसके कुछ देर बाद ही स्थानीय एसडीएम अक्षत जैन मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की इस दौरान उन्होंने आरोपी के मकान गिराए जाने की मांग पर जांच का आश्वासन दिया। अधिकारी ने कहा कि अगर जांच में आरोपी का मकान अवैध होगा तो उसे जरूर गिराया जाएगा।
अग्रवाल समाज के लोगों ने शव रखकर जमकर नारेबाजी की उनकी मांग है कि इस आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाया जाए जैसा कि प्रदेश सरकार अब तक कर रही थी।
ज्ञात हो कि सोमवार दोपहर को एक पूर्व सैनिक जयदीप सिंह परिहार ने नीलेश अग्रवाल की हत्या इसलिए कर दी क्योंकि उसने जेपी सिंह का टीवी नहीं सुधारा था। बताया जाता है कि टीवी करीब 2 महीने से नीलेश की दुकान पर था। इससे परेशान होकर जयदीप उसकी दुकान पर अपनी लाइसेंसी बंदूक के साथ आया और बहस करते हुए उसकी मां के सामने ही नीलेश पर चार गोलियां चलाईं और हत्या के बाद उसने एडिशनल एसपी के ऑफिस जाकर आत्मसमर्पण कर दिया।