इंदौर। हाईकोर्ट के फैसले के बाद से खासगी ट्रस्ट पर कार्रवाई लगातार जारी है। अलग-अलग जिलों में स्थानीय प्रशासनिक स्तर से लेकर मुख्य सचिव स्तर तक ये कार्रवाईयां हो रहीं हैं। इस दौरान लगातार मीडिया रिपोर्ट्स भी आ रहीं हैं। इनमें खासगी ट्रस्ट की ओर से और भी कई अनियमितताओं के आरोप लगाए जा रहे हैं। जिसे देखते हुए फिलहाल यह कह पाना आसान नहीं होगा कि अब तक खासगी ने होलकर राजवंश से जुड़ी कितनी संपत्ती गैरकानूनी तरीक से बेची है। हालांकि अब यह हेराफेरी अरबों रुपये की हो सकती है।
प्रदेश शासन की ओर से शुरु हुई कार्रवाई की इसी कड़ी में अब शासन ने ट्रस्ट के आधीन आने वाले मंदिरों पर मप्र शासन के बोर्ड लगाने के निर्णय दिए हैं। अब राजबाड़ा के महालक्ष्मी मंदिर, गुटकेश्वर मंदिर, खेड़ापति मंदिर सहित कुल 24 मंदिरों पर मप्र शासन के बोर्ड लगाए जाएंगे। इसके साथ ही इंदौर के हातोद, तिल्लौरखुर्द, केवड़िया, पीपलदा, सांवेर और देवगुराड़िया की 100 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर कब्जे लेने के लिए भी कलेक्टर के द्वारा आदेश दिए गए हैं। इन संपत्तियों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा और राजस्व रिकार्ड में इन्हें अहस्तांतरणीय लिखा जाएगा। इन संपत्तियों का प्रबंधन कलेक्टर इंदौर के पास होगा और सभी वाद-विवाद के मामलों में अब इंदौर प्रशासन अब एक पार्टी होगा।
प्रशासन के द्वारा अब तक महालक्ष्मी मंदिर (राजबाड़ा), श्रीराम मंदिर (बाणगंगा), पट्टाभिराम मंदिर (कृष्णापुरा), मारुति महादेव व गणपति मंदिर कानूनगोबाखल, संगमेश्वर मंदिर कृष्णापुरा नदी के बीच, सत्यनारायण मंदिर आड़ा बाजार, हरसिद्धि मंदिर, राम मंदिर लोधीपुरा, श्री पार्वती तुलेश्वर मंदिर, सिरपुर बिजासन टेकरी, श्रीराम मंदिर तिल्लौर खुर्द, केवादेश्वर मंदिर केवादिया, केवादेश्वर मंदिर तिल्लौर खुर्द, राम मंदिर केसरबाग, बिकेश्वर मंदिर महादेव हातोद, श्रीराम मंदिर हातोद, तिकेश्वर महादेव मंदिर तिल्लौर खुर्द, गणपति मंदिर व नारायण महाराज समाधि जूनी इंदौर, भैरव मंदिर कृष्णपुरा, श्रीराम मंदिर मारुति मंदिर का ओटला छत्रीबाग मारुति मंदिर मिस्त्रीखाना, बिजासन माता मंदिर को अपन कब्जे में ले लिया गया है।
एक ओर जहां प्रशासनिक जांच और कार्रवाई जारी है तो वहीं ईओडब्लू यानी आर्थिक अपराध शाखा की ओर से भी जांच लगातार जारी है। पिछले दिनों एजेंसी द्वारा खासगी ट्रस्ट से संपत्तियों का ब्यौरा मांगा था। जिसके बाद अब खासगी ट्रस्ट ने एसपी धनंजय शाह को अपनी संपत्तियों की जानकारी दी है। इस दौरान ट्रस्ट के द्वारा बेची गई संपत्तियों की भी जांच की गई जाएगी और फिर संपत्तियों में आए अंतर के आधार पर ईओडब्लू काम करेगा। एजेंसी के द्वारा खासगी ट्रस्ट के माणिकबाग स्थित दफ्तर पर चार पुलिसकर्मियों की तैनाती करवाई गई है। जो यहां हर समय मौजूद रहेंगे। यह कार्यालय से किसी भी प्रकार के दस्तावेजों की हेराफेरी रोकने के लिए किया गया है। इस पूरे मामले की जांच तेरह टीमों को सौंपी गई है जिनमें से हर एक टीम में तीन सदस्य होंगे। ये टीमें अलग-अलग संपत्तियों की जांच करेंगी।