इंदौर। साल 2023 में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की 132 वीं जयंती मनाई जाएगी। आंबेडकर की जन्मस्थली महू में जयंती उत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। हालांकि जयंती समारोह मैं धूमधाम की उम्मीद की जा रही है लेकिन इस बार तैयारियां कुछ कमतर नजर आ रही है। 14 अप्रैल को होने वाले आयोजन के लिए अब तक अहम बैठक शुरू भी नहीं हो सकी है तो वहीं हर साल अंबेडकर अनुयायियों के लिए परोसे जाने वाली स्वादिष्ट थाली में इस बार दो व्यंजन भी कम कर दिए गए हैं।
आंबेडकर स्मारक समिति जयंती उत्सव की तैयारियों में जुट गई है लेकिन फिलहाल स्थानीय प्रशासन इन तैयारियों को लेकर खास रुचि नहीं दिखा रहा है। इससे पहले राज्य सरकार और जिला प्रशासन 1 अप्रैल से ही तैयारियां और समारोह को लेकर बैठकें शुरू कर देता था लेकिन इस बार ऐसा दिखाई नहीं देता।
इससे पहले तक उत्सव की शुरुआत से पहले अधिकारी मुख्यमंत्री के सामने जाकर तैयारियों के बारे में चर्चा करते थे लेकिन अब तक मुख्यमंत्री ने इस बार को लेकर कोई बैठक नहीं बुलाई है।
यहां तक कि राज्य शासन द्वारा इस कार्यक्रम के लिए दी जाने वाली राशि की घोषणा भी नहीं की गई है। यही वजह है कि अधिकारी फिलहाल अपनी ओर से कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।
अप्रैल माह की 4 तारीख बीत गई हैं अभी तक जिला प्रशासन की ओर से किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने स्मारक व भोजनशाला तथा अनुयायियों के ठहरने के स्थान का निरीक्षण व दौरा नहीं किया है। इसे लेकर समारोह से जुड़े हुए बहुत से लोग भी संशय में हैं। उनका मानना है कि राज्य शासन व जिला प्रशासन इस बार अंबेडकर जयंती महोत्सव को लेकर ज्यादा सक्रिय नहीं है।
खबरों की मानें तो राज्य शासन इस बार आंबेडकर समारोह में खर्च होने वाली राशि में कटौती कर सकता है। कुछ वर्ष पूर्व तक इस कार्यक्रम के लिए एक करोड़ रुपए दिए जाते थे। इस राशि से अनुयायियों के लिए भोजन पानी और ठहरने की व्यवस्था की जाती थी।
बजट में कटौती के संकेत भोजन को लेकर दिए गए ऑर्डर से भी मिल रहे हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार इस बार ठेकेदार को करीब 80 हजार भोजन के पैकेट बनाने का ठेका ही दिया जा रहा है। जबकि बीते सालों में यह संख्या करीब एक से डेढ़ लाख तक होती थी। ऐसे में फिलहाल प्रशासन ने भोजन करने वाले अनुयायियों का अनुमान फिलहाल आधा लगाया है जाहिर है कि जयंती समारोह में आने वाले अनुयायियों की संख्या भी कम आंकी गई है। एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि फिलहाल 25 से लेकर 30 हजार अनुयायियों के लिए तैयारी की जा रही है।
इस बार अनुयायियों को दिए जाने वाले भोजन में भी कुछ कमी की जा रही है। गत वर्ष तक के लिए राज्य शासन द्वारा जो भोजन की व्यवस्था की जाती थी उसमें पूरी, राम भाजी, नुक्ति, कैरी की लौंजी, खिचड़ी तथा सेव और हरी मिर्च भी रहती थी लेकिन इस वर्ष अनुयायियों की थाली के इस मेन्यू में से सेव और हरी मिर्च कम कर दी गई है।
हालांकि स्मारक समिति द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है, जिसमें विशेष बात 13 अप्रैल को निकलने वाली राष्ट्रीय गौरव यात्रा रहेगी। समाज के गायक कलाकारों द्वारा दिन-रात अभ्यास किया जा रहा है जिसने वे राष्ट्रीय गौरव यात्रा में भीम गीतों की प्रस्तुति देंगे जो कि पहली बार होगा।