इंदौर। शहर की भू माफियाओं पर प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है। दो संस्थाओं पर कार्रवाई कर प्रशासन ने करीब 3250 करोड़ रुपए की जमीन अब तक छुड़वाई है। यह जमीन करीब 1500 प्लाट धारकों की थी जिन्हें अब अब तक कब्जा नहीं मिला था।
इसके बाद भी इंदौर पुलिस प्रशासन के द्वारा कार्यवाही जारी है। बुधवार के बाद गुरुवार को भी देर रात खजराना पुलिस ने भूमाफिया के एक दर्जन ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की।
इस दौरान अधिकतर माफिया घर से फरार मिले वहीं जो घर में मिले उन्हें हिरासत में लिया गया है। दरअसल, शहर में बीते 15 साल में चल रहे जमीन के अवैध कारोबार में 6 हजार FIR दर्ज कराई गई है। इनमें कुल 17 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
भूमाफिया के झांसे में आकर 20 हजार लोगों के घर का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। गृह निर्माण संस्थाओं के माध्यम से लोगों के प्लॉट पर कब्जे का अवैध कारोबार लंबे समय से जारी है।
माफिया अपने रसूख के दम पर प्लॉट धारकों से पैसा लेने के बाद भी प्लॉट नहीं देने, अवैध कब्जा करने और धमकी देकर करोड़ों रुपए के आसामी बन गए हैं। ऐसी ही संस्थाओं पर भूमाफिया कब्जा जमाए बैठे हैं, जिन पर अब कार्रवाई शुरू हुई है।
इस कार्रवाई में इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह की बड़ी भूमिका है। जिन्होंने योजना का बाकायदा ब्लू प्रिंट तैयार कर कार्रवाई शुरू की। ठगे गए प्लॉट धारक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले थे जिन्होंने अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने की हिदायत दी थी। कलेक्टर के मुताबिक आने वाले दिनों में जिले की कई और हिस्सों में भू माफियाओं के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।