इंदौर। एक ओर जहां राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ क्रिसमस पर इसाई समाजजनों को भोज देने जा रहे हैं तो वहीं उनके सहगोयी संगठनों के कार्यकर्ता क्रिसमस मनाए जाने से नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। बड़वानी के एक निजी स्कूल में क्रिसमस थीम पर बच्चों का आयोजन हो रहा था तब यहां बजरंग दल और एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर जमकर हंगामा किया। ये कार्यकर्ता बच्चों को सेंटा क्लाज़ बनाए जाने का विरोध कर रहे थे।
गुरुवार को हुई यह घटना सेठ जयपुरिया स्कूल की है। जहां क्रिसमस की छुट्टियां लगने से पहले बच्चों को इस पर्व को मनाने के लिए आयोजन किया जा रहा था। इस दौरान बच्चों को सेंटा क्लाज़ की टोपी और कपड़े पहनाए गए। इसकी भनक बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को लग गई और उन्होंने स्कूल में जाकर हंगामा शुरु कर दिया। इनके साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी शामिल थे। इनका कहना था कि स्कूल में बच्चों का ब्रेन वॉश किया जा रहा है।
स्कूल पहुंचकर हिन्दूवादी संगठनों ने इस तरह के आयोजन का विरोध किया और कार्यक्रम बंद करवाया। यहां पहुंचे विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने दलील दी है कि यह संतों की धरती है फिर यहां बच्चों को सांता क्लाज़ के कपड़े क्यों पहनाए जा रहे हैं। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने यहां काफी देर तक नारेबाजी भी की और बताया कि क्रिसमस को लेकर बच्चों का माइंड डायवर्ट किया जाता है। जब हिन्दू त्यौहार मंदिरों में मनाए जाते हैं तो क्रिसमस स्कूल में क्यों मनाया जा रहा है?
स्कूल प्राचार्य ने इसे एक साधारण कार्यक्रम बताते हुए कहा कि क्रिसमस पर स्कूल का हॉलिडे शुरू हो रहा है, जिसको लेकर एक छोटा सा आयोजन किया था। उनकी किसी की भी भावना को ठेस पंहुचाने का इरादा बिल्कुल नहीं था। उन्होंने कहा कि अगर इस आयोजन से कोई आहत हुआ है तो संस्था सारे कार्यक्रम निरस्त कर रही है। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने बताया कि स्कूल ने कसम खाई है कि वे क्रिसमस नहीं मनाएंगे और क्रिसमस के दिन एक हजार तुलसी के पौधे लगाएंगे।
बजरंग दल के कार्यकर्ता स्कूल में जबरन घुस गए और जब स्कूल प्रशासन ने उन्हें रोकने की कोशिश की और पुलिस को फोन किया। बंजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इसे स्कूल प्रशासन ने उनके साथ बदसुलूकी बताया। बताया जाता है कि स्कूल प्रशासन ने आख़िरकर बजरंग दल और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं से इसके लिए माफी तक मांग ली और कहा कि वे किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे और अगर ऐसा हुआ है तो उन्हें इसके लिए खेद हैं।