584 संक्रमित, कलेक्टर की निजी अस्पतालों को चेतावनी, मरीज़ों की सुविधा के लिये दिये हैं ये निर्देश


कलेक्टर मनीष सिंह ने अरिहंत अस्पताल और एपल अस्पताल के संचालकों को विशेष रूप से चेताया है। उन्हें कहा गया है कि उनकी शिकायत मिल रही है लेकिन वे ध्यान रखें कि ऐसा आगे न हो वर्ना उन्हें निजी रुप से परेशानी हो सकती है।


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इन्दौर Published On :
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इंदौर। जिले में कोरोना को लेकर स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। यहां बुधवार को जारी बुलेटिन में 584 मरीज़ मिले हैं। कोरोना की दूसरी लहर का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले 2 दो दिसंबर को यहां 595 संक्रमित मिले थे। इस दौरान यहां संक्रमण की दर भी लगातार बढ़ रही है और फिलहाल यह दर करीब तेरह प्रतिशत है। वहीं निजी अस्पतालों की ओर से भी मरीज़ों को परेशानी हो रही है। जिसे देखते हुए प्रशासन अब निजी अस्पतालों पर सख्ती करने की तैयारी कर चुका है।
इस स्थिति को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने सुरक्षा संबंधी निर्देशों का कड़ाई से पालन करवाने की बात कही है। इनमें अस्पतालों के लिए भी दिशा-निर्देश तय किये गए हैं। उल्लेखनीय है कि अस्पतालों में कई मरीजों को बढ़े हुए बिल के चलते ज्यादा परेशानी हो रही है। कई मरीजों को बेहद कम समय तक ही भर्ती रहने के लिए दो से तीन लाख रुपये तक देने पड़े हैं। ऐसे में इस कठिन दौर में अस्पताल भी उनकी कमर तोड़ रहे हैं।
 कलेक्टर ने दिये यह निर्देश… 
– कम लक्षण वाले मरीज़ों को बिना वजह अस्पतालों में भर्ती नहीं करवाया जाए।
– गंभीर मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती कर निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत उनका इलाज करें।
– मरीज़ों और उनके स्वजन से अच्छा व्यवहार करें।
– अगर एक अस्पताल से दूसर अस्पताल भेजने की ज़रूरत पड़ती है तो अस्पताल में बिस्तर की उपलब्धता देखकर ही यह निर्णय लें।
– किसी भी ज़रूरतमंद मरीज़ का इलाज पैसे के आभाव में नहीं रुक सकता।
– कोई मरीज़ अगर दूसरे अस्पतालों में जाना चाहते हों तो उन्हें डिस्चार्ज करना होगा।
कलेक्टर मनीष सिंह ने एपल अस्पताल और अरिहंत अस्ताल के संचालकों को भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों की कई शिकायतें आ रहीं हैं ऐसे में उन्हें चेतावनी दी जाती है कि मरीज़ों को परेशानी न हो वर्ना उन अस्पतालों के मालिक को व्यक्तिगत रूप से काफी परेशानी हो सकती है।

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