महू। आलू चिप्स कारखाना संचालकों द्वारा लगातार कारखानों का गंदा पानी नदी-नालों में बहाने तथा नियमों का पालन नहीं करने की शिकायतें प्रशासन को लगातार मिल रहीं थीं। गंदे पानी के कारण ना सिर्फ नदी दूषित हो रही है बल्कि इसके आसपास रहने वालों का जीवन भी दूभर हो गया है।
स्थानीय प्रशासन ने शनिवार को इन चिप्स कारखानों की जांच की तो वहां अनेक अनियमितताएं मिलीं, जिसके बाद पचास कारखानों के बिजली कनेक्शन काट दिए गए। इसके अलावा कुछ कारखानों में छोटे बच्चों से काम करवाया जा रहा था जिसकी रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई के लिए भेजा गया।
महू के पास कोदरिया, नेउगुराडिया, चौरडिया में छोटे-बड़े करीब डेढ सौ से ज्यादा आलू चिप्स के कारखाने संचालित होते हैं। यहां से निकलने वाला गंदा पानी संचालकों द्वारा कुओं, नदी व नाले में बहाया जा रहा है। इस गंदे पानी के कारण कोदरिया से लेकर सातेर तक गंभीर नदी दूषित हो गई है। नदी का पानी काला हो गया तथा इसके आसपास रहने वाले नागरिकों का बदबू के कारण जीवन दूभर हो गया है।
खास कर गुजरखेड़ा क्षेत्र में। यहां तो नदी के पास रहने वालो कॉलोनीवासी गर्मी के दिनों में घरों के दरवाजे तक नहीं खोलते। बदबू व प्रदूषण के कारण बर्तन तक काले पड़ने लगे हैं। प्रशासन द्वारा लगातार चेतावनी देने के बाद भी संचालकों ने गंदा पानी नदी व नालों में छोड़ना बंद नहीं किया।
इसे देखते हुए एसडीएम अभिलाष मिश्रा के मार्गदर्शन में शनिवार को नायब तहसीलदार रितेश जोशी ने दल के साथ इन कारखानों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान इन कारखानों में काफी अनियमितताएं मिलीं।
जोशी के अनुसार संचालकों ने गंदे पानी को एकत्र करने की कोई व्यवस्था नहीं की थी और इसे नदी व नाले में छोड़ा जा रहा था। एक संचालक द्वारा तो गंदा पानी कुएं में ही छोड़ा जा रहा था। ऐसे पचास कारखानों के बिजली कनेक्शट काट दिए गए तथा चेतावनी दी गई कि जब तक पानी निकासी की सही व्यवस्था नहीं की जाएगी तब तक कनेक्शन नहीं जोड़ा जाएगा।
जोशी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान कुछ संचालकों द्वारा नाबालिग बच्चों से भी काम करवाया जा रहा था जिसकी मौके पर ही रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई के लिए भेज दी गई है। बोरखडी में चार आलू चिप्स कारखाना संचालकों द्वारा गंदा पानी तालाब में छोड़ कर तालाब के पानी को दूषित किया जा रहा था। उनके भी कनेक्शन काट दिए गए।
सभी संचालकों से कहा गया कि जब तक सभी नियमों का पालन कर पंचायत से एनओसी नहीं ली जाती तब तक काम शुरू नहीं किया जाए। अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस निरीक्षण के दौरान सरपंच अनुराधा जोशी, पटवारी अमित सरवन, मनोज सैनी, जनपद इंजीनियर देवेंद्र अग्रवाल आदि मौजूद थे।
सरपंच अनुराधा जोशी ने कहा कि कोदरिया के कारखाने अभी शुरू नहीं हुए हैं। चौरडिया क्षेत्र के कारखाना संचालकों ने काम शुरू कर पानी नदी में छोड़ना शुरू कर दिया है जिस कारण गुजरखेड़ा तक नदी दूषित हुई।
देवेंद्र अगवाल ने कहा कि कारखाने बंद होते ही जनपद द्वारा चेकडेम व रिजर्वेअर निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा।