बंद हो रही सरकारी अस्पताल की 36 साल पुरानी बिल्डिंग


तहसील के सबसे बड़े शासकीय भीमराव आंबेडकर अस्पताल की 36 साल पूर्व बनी इमारत में सभी सुविधाएं व सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। यह सारी सुविधाएं इमारत के प्रथम मंजिल पर संचालित होती थीं।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :
madhya bharat hospital, mhow

महू (इंदौर)। पचास बिस्तर वाले शासकीय अस्पताल की पुरानी इमारत की प्रथम मंजिल को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। पूर्व में यहां पर प्रसूति विभाग तथा महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग जनरल वार्ड थे जो अब नई बिल्डिंग में स्थानांतरित कर दिए गए हैं। इस इमारत का 36 साल पूर्व शुभारंभ किया गया था।

तहसील के सबसे बड़े शासकीय भीमराव आंबेडकर अस्पताल की 36 साल पूर्व बनी इमारत में सभी सुविधाएं व सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। यह सारी सुविधाएं इमारत के प्रथम मंजिल पर संचालित होती थीं।

 

इस इमारत का शुभारंभ 36 साल पूर्व यानी 14 जनवरी 1987 को किया गया था, जहां पर 50 बिस्तर की व्यवस्था थी। यहीं पर पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग जनरल वार्ड के अलावा प्रसूति विभाग संचालित होता था।

पूर्व में प्रसूति विभाग को नई इमारत में स्थानांतरित कर दिया गया जिसके बाद इस इमारत की प्रथम मंजिल पर संचालित होने वाले दोनों जनरल वार्ड तथा नर्सिंग ड्यूटी रूम, नर्सिंग स्टाफ रूम को नई इमारत की प्रथम मंजिल पर स्थापित कर दिया गया।

अस्पताल का पुराना भवन

नई इमारत में महिला व पुरुष रोगियों के लिए अलग-अलग जनरल वार्ड के बजाय एक ही वार्ड में रखा गया है। इसके अलावा इस नई इमारत में एक कॉमन शौचालय है जिससे महिला व पुरुष रोगियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

नर्सिंग व्यवस्था भी इसी हॉल के अंदर की गई है। अव्यवस्थाओं के बीच नई इमारत में अब यह दोनों जनरल वार्ड संचालित किए जा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार यह नई व्यवस्था गत दिनों भोपाल से आई टीम को दिखाने के लिए की गई क्योंकि यहां की व्यवस्था को देखकर टीम द्वारा अस्पताल को अतिरिक्त अंक दिए जाने हैं।

36 साल पूर्व शुरू हुई इस अस्पताल की प्रथम मंजिल काफी व्यवस्थित, दुरुस्त व विशाल है, लेकिन अस्पताल के नए प्रशासन को यह उचित नहीं लगी। वर्तमान की स्थिति को देखते हुए अब लगने लगा है कि यह पक्की इमारत कुछ ही दिनों में जर्जर-भंगार हो जाएगी क्योंकि ना तो इसका उपयोग हो रहा है और ना ही साफ-सफाई व देख-रेख।

इस संबंध में अस्पताल प्रभारी डॉ. योगेश सिंगारे का कहना है कि इस इमारत की मरम्मत की जाना है, जो करवाई जाएगी, लेकिन उनके पास इसका उपयोग कैसे किया जाए, उसकी कोई योजना नहीं है।


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