रेमडिसिवर की कालाबाजारी में मेडिकल संचालक समेत तीन आरोपी गिरफ्तार


आरोपियों के कब्जे से कोरोविर और हेल्थ बायोटेक कंपनी के 12 इंजेक्शन जब्त हुए है। इंजेक्शन पर कीमत की जगह फॉर एक्सपोर्ट लिखा हुआ है जिसे आरोपी 20 हजार रुपये तक में बेच रहे थे। आरोपी अनुराग सिंह सिसोदिया करणी सेना के पदाधिकारी का भाई बताया जा रहा है।


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इन्दौर Published On :
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इंदौर। इंदौर संभाग में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों व कोरोना के इलाज में कारगर माने जाने वाले रेमडिसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर रोक के लिए पुलिस व प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है।

इसी क्रम में इंदौर पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने शहर के विजयनगर स्थित राज मेडिकल स्टोर्स के संचालक अनुराग सिंह सिसोदिया, एमआर राजेश पाटीदार और ज्ञानेश्वर बारसकर को रेमडिसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया है।

आरोपियों के कब्जे से कोरोविर और हेल्थ बायोटेक कंपनी के 12 इंजेक्शन जब्त हुए है। इंजेक्शन पर कीमत की जगह फॉर एक्सपोर्ट लिखा हुआ है जिसे आरोपी 20 हजार रुपये तक में बेच रहे थे। आरोपी अनुराग सिंह सिसोदिया करणी सेना के पदाधिकारी का भाई बताया जा रहा है।

एसपी (एसटीएफ) मनीष खत्री ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि टीम को सूचना मिली थी कि विजयनगर स्थित राज मेडिकल का संचालक अनुराग पुत्र घनश्याम सिंह सिसोदिया निवासी स्कीम-114, कर्मचारी ज्ञानेश्वर बारसकर पुत्र धनराज बारसकर निवासी रामनगर भमौरी और एमआर राजेश पाटीदार पुत्र जगदीश पाटीदार निवासी न्यू स्टार सिटी राऊ विभिन्न अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों से संपर्क कर रेमडिसिवर इंजेक्शन निर्धारित दाम से ज्यादा में बेच रहे हैं।

न‍िरीक्षक श्रीकांत जोशी और सिपाही विवेद द्विदी ने ग्राहक बनकर राजेश पाटीदार से संपर्क किया तो 20 हजार रुपये में एक इंजेक्शन देने के लिए तैयार हो गया। शुरुआत में राजेश को 6 इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ में आरोपी राजेश ने बताया कि वह करणी सेना के पदाधिकारी के भाई अनुराग सिंह से इंजेक्शन खरीद कर जरुरतमंदों को बेचता है। पुलिस ने इसके बाद आरोपी अनुराग के मेडिकल स्टोर पर छापा मारा, जहां उन्होंने रेमडिसिवर के छह इंजेक्शन जब्त कर दुकान के कर्मचारी ज्ञानेश्वर व संचालक अनुराग को गिरफ्तार कर लिया।

एसपी के मुताबिक राजेश पूर्व में सिप्ला कंपनी में एमआर था और फिलहाल अलबट्रो कंपनी में बतौर एमआर काम कर रहा है। अनुराग के संपर्क में आने के बाद वह रेमडिसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने लगा था। आरोपी राजेश ने पूछताछ में यह भी बताया कि इसके पहले धार में जरुरतमंदों को महंगे दामों पर इंजेक्शन बेच चुका है।

एसपी के मुताबिक जब्त इंजेक्शन कोरोविर और हेल्थ बायोटेक कंपनी कंपनी द्वारा बनाए गए है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उक्त कंपनी रेमडिसिवर इंजेक्शन बनाने के लिए अधिकृत है या नहीं। यह भी संभावना है कि आरोपी नकली इंजेक्शन की बिक्री कर रहे हों। पुलिस ने इसको लेकर ड्रग विभाग को पत्र लिखा है।



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