इंदौर। बीते साल नवंबर में देह व्यापार के अड्डे से मुक्त करवाई गईं 10 बांग्लादेशी युवतियों के बाणगंगा स्थित वृद्धाश्रम से फरार होने के बाद हड़कंप मच गया है। इन युवतियों की चौकसी के लिए दो थानों एमआईजी और लसूड़िया थाने के चार पुलिसकर्मी चौबीस घंटे पहरा भी देते थे।
युवतियों के आश्रम से फरार होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस को शक है कि युवतियों को भगाने में मानव तस्करी के आरोपी सागर जैन उर्फ सैंडो और गुजरात के दलालों का हाथ है। पुलिस युवतियों और संदेहियों की कॉल डिटेल्स खंगाल रही है।
बता दें कि बीते साल नवंबर में विजयनगर थाना पुलिस ने महालक्ष्मी नगर स्थित मोहित गेस्ट हाउस से 16 युवतियों को मुक्त करवाया था, जिनमें पांच भारतीय और 11 बांग्लादेशी युवतियां मिली थीं। मानव तस्करी के आरोपी सागर उर्फ सैंडो और मोहित युवतियों को इंदौर लेकर आए थे।
एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ था कि इन युवतियों को बांग्लादेशी एजेंट बख्तियार, शबाना जैसे दलाल अवैध तरीके से भारतीय सीमा में लाए थे। पहले मुंबई में देह व्यापार के लिए मानसिक रूप से तैयार किया गया और बाद में इन्हें गुजरात के दलालों के हाथों बेच दिया गया।
हैरानी की बात यह है कि आश्रमकर्मी और पुलिसकर्मियों का पहरा होने के बाद भी 10 युवतियां फरार हो गईं और किसी को कानों-कान खबर तक नहीं लगी। वहीं दूसरी तरफ, आश्रम की अधीक्षक डॉक्टर नेहा शर्मा का दावा है कि बांग्लादेशी युवतियों को उनके परिजन आईडी दिखाकर ले गए हैं।
बाणगंगा थाने में टीआई ज्योति शर्मा के मुताबिक,
युवतियां साड़ी से रस्सी बनाकर भागी हैं। उनकी तलाश में टीमों को अहमदाबाद भेजा गया है। कुछ संदेहियों के मोबाइल नंबर मिले हैं। एक युवती की बहन से पूछताछ भी हुई है।