इंदौर। इंदौर जिले के समस्त पटवारियों द्वारा इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया जिसमें पटवारियों द्वारा रात-दिन काम करने के बाद भी दो पटवारी साथियों को निलंबित करने पर पटवारियों ने नाराजगी जताई है।
पटवारियों का कहना है कि पटवारी साथियों के पास ना तो संसाधन हैं और ना ही प्रशिक्षण दिया गया है। दिनभर फील्ड में किसानों से आवश्यक दस्तावेज लेते हैं और रात में उन्हें अपडेट करते हैं। इसका यह परिणाम है कि दो पटवारियों को निलंबित कर दिया गया है, इससे पटवारियों में रोष है।
इंदौर पटवारी संघ के अध्यक्ष अशोक बाजपेई ने बताया कि
हमने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर इंदौर कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया। वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष पटवारी संघ ने मांग रखी कि उन्हें मुआवजा पत्रक भरने के लिए समय दिया जाए। साथ ही साथ किसानों के दस्तावेज जांचने और उन पर कार्य करने के लिए पटवारियों को लैपटॉप और मोबाइल जैसे संसाधन उपलब्ध करवाए जाएं ताकि सही तरीके से हो सके और कार्य जल्द करवाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाए।
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पटवारी संघ का कहना है कि यदि पटवारियों की मांगे पूरी नहीं की गई तो वह भविष्य में और बड़ा आंदोलन करेंगे। काम में लापरवाही के चलते दो पटवारियों को निलंबित कर दिया गया था जबकि संसाधनों की कमी और बिना प्रशिक्षण के काम करने के कारण हमसे गलतियां हो सकती है।
पटवारी संघ के जिला अध्यक्ष अशोक बाजपेई ने कहा कि
हमारी मांगे अगर पूरी नहीं हुई तो कार्य करना बंद कर देंगे। पूर्व में भी हमारी मांगों से इंदौर कलेक्टर को ज्ञापन देकर अवगत कराया गया था, लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
गौरतलब है कि इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने सोमवार को ही देपालपुर के पटवारी को किसानों के नष्ट हो चुकी कृषि के मुआवजे प्रक्रिया में देरी बरतने के मामले में निलंबित कर दिया था। इसी के फलस्वरूप पूरे इंदौर के 300 पटवारी अपने संघ के तहत कलेक्टर कार्यालय के समक्ष अपनी बात रख कर विरोध प्रदर्शन करने के लिए खड़े हुए थे।