भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले आयकर छापों में मिले दस्तावेजों में 3 वरिष्ठ आईपीएस अफसरों के नाम सामने आए थे। सरकार ने इनसे इस मामले में जवाब मांगा था। संतुष्ट न होने पर सोमवार को जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
यह जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस वीरेंद्र सिंह करेंगे। मध्यप्रदेश के गृह विभाग ने 1989 बैच के रिटायर्ड आईपीएस अफसर बी मधुकुमार और संजय माने तथा 1991 बैच के आईपीएस अफसर सुशोभन बनर्जी के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं।
यह पहला मौका होगा जब आईपीएस अधिकारियों की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस से कराई जा रही है। इस मामले में चुनाव आयोग ने पत्र के बाद ईओडब्ल्यू ने दिसंबर 2020 में एफआईआर दर्ज की थी।
विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 1989 बैच के संजय माने व एडीजी रहे बी मधुकुमार और 1991 बैच के आईपीएस व एडीजी सुशोभन बनर्जी के खिलाफ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की रिपोर्ट के आधार पर जांच शुरू की जा रही है।
बता दें कि आयकर विभाग ने अप्रैल 2019 में पूर्व सीएम कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़, सलाहकार राजेंद्र मिगलानी समेत 52 ठिकानों पर छापेमारी की थी और इनके यहां से करोड़ों के लेन-देन की डायरी और कंप्यूटर फाइल जब्त की गई थी।
इन फाइलों व डायरी में कई विधायक और मंत्रियों के नाम भी आए थे। इनमें कई लोगों को भारी-भरकम राशि ट्रांसफर करने का जिक्र किया गया था।