महिला क्लर्क ने स्कूल में दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर किया 44.42 लाख रुपये का घपला


थाटीपुर के चौहान प्याऊ निवासी देवेंद्र सिंह पुत्र अमर सिंह चौहान द्वारा संचालित अमर भारती स्कूल में पदस्थ महिला क्लर्क चांदनी राजा बुंदेला निवासी ग्वालियर ने दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर 44.42 लाख रुपये की चपत लगाई है। कुछ समय पहले कराए गए ऑडिट में यह बात निकलकर सामने आई है।


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ग्वालियर Published On :
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फीस लेकर छात्रों के अभिभावकों को देती रही फर्जी रसीद।


ग्वालियर। थाटीपुर के चौहान प्याऊ निवासी देवेंद्र सिंह पुत्र अमर सिंह चौहान द्वारा संचालित अमर भारती स्कूल में पदस्थ महिला क्लर्क चांदनी राजा बुंदेला निवासी ग्वालियर ने दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर 44.42 लाख रुपये की चपत लगाई है। जानकारी के मुताबिक, महिला क्लर्क कई सालों से छात्रों को फर्जी रसीद देकर फीस का पैसा अपने पास रख रही थी। कुछ समय पहले कराए गए ऑडिट में यह बात निकलकर सामने आई है। स्कूल संचालक की शिकायत पर थाटीपुर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

थाटीपुर के चौहान प्याऊ निवासी देवेंद्र सिंह पुत्र अमर सिंह चौहान द्वारा अमर भारती स्कूल का संचालन किया जाता हैं। स्कूल में हिसाब-किताब और दस्तावेजों को संभालने के लिए उन्होंने कुछ वर्ष पूर्व महिला चांदनी राजा बुंदेला निवासी ग्वालियर को बतौर क्लर्क रखा था।

थाटीपुर थाना के टीआई आरबीएस विमल ने बताया कि

स्कूल संचालक ने स्कूल के अकाउंट के ऑडिट के बाद महिला कर्मचारी पर संदेह जताते हुए धोखाधड़ी की शिकायत की थी। जिस पर मामला दर्ज करके जांच की जा रही है।

महिला क्लर्क फीस व स्कूल के लिए कुछ भी खरीदने और उसकी निगरानी का काम संभालती थी। फंड में से जो पैसा बचता था, उसे स्कूल संचालक के खाते में जमा करा देती थी। 2020 के शुरुआती महीने में स्कूल संचालक ने जब ऑडिट कराया तो पता चला कि खाते में करीब 44.42 लाख रुपये का हिसाब नहीं मिल रहा है। जब जांच की तो पता चला कि हिसाब में गड़बड़ी आरोपी क्लर्क चांदनी ने की है।

उन्होंने चांदनी को बुलाकर संस्था से धोखाधड़ी करके ठगे गए रुपये वापस देने के लिए कहा तो उसने आश्वासन दिया कि वह पैसे जल्द लौटा देगी। फिर लॉकडाउन लग गया और वह आजकल कहकर टालती रही। जब स्कूल संचालक परेशान हो गए तो पुलिस थाने पहुंचे। थाटीपुर थाना पुलिस ने स्कूल संचालक की शिकायत पर आरोपित महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

स्कूल संचालक ने पुलिस को बताया कि चांदनी ही रजिस्टर में हिसाब रखती थी। उसने रजिस्टर में फीस की एंट्री करके अभिभावकों व विद्यार्थियों को फर्जी रसीद थमा दी। इससे दो बातें हुई रजिस्टर में एंट्री से विद्यार्थियों का स्कूल में रिकॉर्ड सही था, इसलिए कभी फीस के लिए कोई परेशानी नहीं आई जबकि अभिभावकों से मिला पैसा स्कूल के खाते में जमा ही नहीं कराया गया।


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