ग्वालियर। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान संगठनों के आंदोलन के बीच ग्वालियर के फूलबाग में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया।
इस किसान महापंचायत के दौरान अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के किसान नेताओं व विभिन्न राजनीतिक दलों के वक्ताओं ने कहा कि सरकार को यह कृषि कानून वापस लेने ही होंगे। साथ ही सरकार को किसानों से माफी भी मांगनी होगी।
इसके साथ ही किसान नेताओं ने साफ-साफ कहा कि कृषि बिलों को वापस लेने की मांग को लेकर 6 फरवरी को देश के हर जिले में चक्काजाम किया जाएगा और किसानों का आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते हैं।
फूलबाग पर मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 34 दिनों से धरना दे रही है। इसी क्रम में बुधवार 3 फरवरी को किसान महापंचायत का आयोजन किया गया था जिसमें अंचल के किसान नेताओं सहित कांग्रेस, माकपा सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी शिरकत की।
किसान नेताओं का कहना था कि जब तक सरकार कृषि बिल वापस नहीं लेती है तब तक दिल्ली से लेकर ग्वालियर व पूरे देश में आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन तभी खत्म होगा जब सरकार तीनों कृषि कानून वापस लेगी।
सरकार कानून को वापस लेने की जगह किसानों पर अत्याचार व लाठीचार्ज कर रही है। आंदोलन में हताहत हुए किसानों को मुआवजा भी सरकार नहीं दे रही है।
बता दें कि किसान महापंचायत के लिए पहले तो जिला प्रशासन ने अनुमति देने से इंकार कर दिया था, लेकिन बाद में प्रशासन ने पंचायत के लिए अनुमति दी लेकिन साथ ही शर्त भी रखी कि आयोजन में चार सौ से अधिक लोग शामिल नहीं होंगे।
किसान महापंचायत को देखते हुए प्रशासन को आशंका थी कि कुछ गड़बड़ी हो सकती है इसलिए फूलबाग में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। हालांकि पूरा आयोजन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।