ग्वालियर। नकली प्लाज्मा मामले में कई नई जानकारियां पुलिस को मिली हैं। पुलिस को पता चला है कि अब तक नकली प्लाज्मा या खून करीब आठ सौ लोगों को बेचा गया है। इनमें से कितने लोगों को नकली प्लाज्मा के दुष्परिणाम देखने पड़े यह फिलहाल नहीं कहा जा सकता है।
वहीं इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट कहती है कि यह नकली प्लाज्मा कोरोना काल के दौरान करीब 116 लोगों को चढ़ाया गया है। इनमें से करीब 25 लोगों की जान जा चुकी है।
रिपोर्ट के मुताबिक 18 की मौत सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में गई लेकिन किसी ने शिकायत नहीं की, तो जांच भी नहीं हुई। निजी अस्पतालों ने भी प्लाज्मा चढ़ाने के बाद लोगों की मौत की खबर प्रशासन को नहीं दी।
मामला तब सामने आया जब दतिया के एक कारोबारी के परिजनों ने अस्पताल में 18000 रुपये देकर प्लाज्मा खरीदकर मरीज के चढवाया लेकिन इसके बाद मरीज की हालत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई।
इसके बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया और मजबूर होकर अस्पताल प्रशासन ने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई। नकली प्लाज्मा बेचने वाले गिरोह के सरगना अजय शंकर त्यागी की पुलिस रिमांड पूरी हो चुकी है जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया है।
प्रशासन अब अजय शंकर त्यागी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। पुलिस को मामले में जांच के दौरान पाया कि मुख्य आरोपी अजय शंकर त्यागी ने 2019 में गुरु कृपा प्रिंटिंग प्रेस पर जेएएच के नाम से दो हज़ार ब्लड मैचिंग कार्ड बनवाए थे।
इनमें से 1200 कार्ड उसके घर से बरामद हो चुके हैं। ऐसे में पुलिस का अंदाजा है कि करीब शेष 800 कार्डों पर लोगों को नकली प्लाज्मा और खून बेचा गया है।
पुलिस का आंकलन है कि अजय त्यागी ने नकली प्लाज्मा बेचने के काले धंधे से करीब चालीस लाख रुपये कमाए हैं।