जेल में बंद भाइयों को बहनें नहीं बांध पाएंगी राखी, लेकिन उनकी कलाई नहीं रहेंगी सूनी


हर साल ऐसी बहनें जेल में जाकर अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती थीं, लेकिन इस साल उन भाइयों की कलाई पर उनकी बहनें राखी नहीं बांध पाएंगी। हालांकि कैदियों की कलाई सूनी ना रहे, इसके लिए खास तरीका निकाला गया है।


आशीष यादव
धार Published On :
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धार। भले ही कोरोना की रफ्तार कम हो गई हो, लेकिन नियमों के कारण व फिर से बढ़ते कोरोना की वजह से इस बार भी जेल में बहनें अपने भाइयों को राखी नहीं बन पाएंगी क्योकि कोरोना संक्रमण काल में इस वर्ष प्रदेश के सभी जेलों में रक्षाबंधन के अवसर पर किसी भी तरह के समारोह आयोजित नहीं किए जाएंगे।

बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जेल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। इसका निर्देश सभी जेल प्रभारियों को दे दिए गए हैं। वहीं, डाक से आने वाली राखियों को सैनिटाइज करने के बाद संबंधित कैदी को देने कहा गया है।

इसके साथ ही रक्षाबंधन के त्योहार पर सभी के लिए विशेष भोजन बनाने के निर्देश दिए गए हैं। जेल अधीक्षक सतीश उपाध्याय ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए राखी के अवसर पर होने वाले कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है।

भाई-बहन के अटूट रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन आने वाला है। यह वह त्योहार है जिसमें बहन अपने भाई को राखी बांधकर अपनी रक्षा के लिए वचन लेती हैं, लेकिन इस बार कोरोना के कारण उन बहनों में निराशा है, जिनके भाई जेल में बंद हैं।

हर साल ऐसी बहनें जेल में जाकर अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती थीं, लेकिन इस साल उन भाइयों की कलाई पर उनकी बहनें राखी नहीं बांध पाएंगी। हालांकि कैदियों की कलाई सूनी ना रहे, इसके लिए खास तरीका निकाला गया है।

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण जिला जेल प्रशासन ने कैदियों के परिजनों का मुलाकात करने का नियम खत्म कर दिया है। जेल प्रशासन ने रक्षाबंधन त्योहार को देखते हुए जेल के अंदर महिलाओं को न भेजकर जेल के बाहर ही एक लिफाफे में राखी, कुमकुम-चंदन रखकर जमा करने को कहा है। इसके अलावा बहनों को भाइयों से काउंटर मुलाकात करवाने की व्यवस्था भी की जाएगी।

जो आदेश आये हैं उनका पालन करवाया जाएगा –

इस वर्ष राखी के अवसर पर खुली मुलाकात पर प्रतिबंध है। कोरोना की तीसरी लहर के कारण सामाजिक दूरी बनाना हमारा उद्देश्य है। इसका मकसद है कि कोई भी कैदी किसी तरह से संक्रमित ना हो जिसके कारण यह निर्णय लिया गया है। लेकिन, यदि कोई बहन आती है तो सामान्य मुलाकात कर रक्षासूत्र व कुछ मिठाई अंदर बंदी भाइयों को उपलब्ध कराई जाएगी।

– सतीश उपाध्याय, जेल अधीक्षक, धार

इस मामले में जेल अधीक्षक उपाध्याय ने बताया कि कोविड-19 को लेकर जेल प्रशासन ने कैदियों से परिजनों के मुलाकात करने का नियम समाप्त कर दिया है जिसके बाद रक्षाबंधन के त्योहार को देखते हुए महिलाएं जेल के अंदर अपने भाई को राखी नही बांध पाएंगी क्योंकि जेल में कैदियों से किसी को भी मिलने नहीं दिया जाएगा।

जेल के बाहर ही महिलाएं एक लिफाफे में राखी रखकर जमा करेंगी और रक्षाबंधन के दिन उस लिफाफे को कैदियों तक पहुंचा दिया जाएगा। प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों की कलाई इस साल भी सूनी रहेंगी क्योंकि सरकार ने राखी बांधने पर प्रतिबंध लगा रखा है।

बहनें सिर्फ अपने भाइयों को मुलाकात के दौरान रक्षासूत्र और मिठाई दे सकती हैं। इस पर कोई पाबंदी नहीं है। वैसे जेल में बंद कैदियों के लिए राखी का त्यौहार सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन बहन उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं।

कैदी बहनों को कुछ दे या ना दे लेकिन उनकी आंखों में आंसू यह बताते हैं कि वह कितने मजबूर हैं और उन्होंने जो गुनाह किया है उस पर भी उन्हें पछतावा होता है। इधर कोरोना के कारण दूसरे साल भी यह सुविधा जेल प्रबंधन द्वारा निरस्त कर दी गई है।

जेल में बंद कैदी भाइयों की कलाई इस बार सुनी रहेगी। कोविड-19 मरीजों की संख्या में काफी गिरावट देखी जा रही है, लेकिन कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के कारण जेल प्रशासन द्वारा किसी तरह की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उसी के मद्देनजर सभी तरह के आयोजन पर प्रतिबंध लगाया गया है।


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