स्तन कैंसर जागरूकता वर्कशॉप का आयोजन


धार में आशा वर्कर्स और सुपरवाइजर्स को जल्द गांठ का पता लगाने के लिए जीवन रक्षक कौशल के बारे में शिक्षित करने की ओर कदम उठाती, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस की ‘थैंक्स ए डॉट’- स्तन कैंसर जागरूकता पहल


DeshGaon
धार Published On :

धार। अक्टूबर का महीना दुनियाभर में स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। यह कैंसर के सबसे प्रचलित रूपों में से एक है जिसके परिणामस्वरूप स्तन के भीतर गांठ का निर्माण होता है जो कि जीवन के लिए खतरा साबित हो सकता है, यदि इसका जल्द पता नहीं लगाया गया।

खुद से जल्द पहचान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, भारत में सबसे भरोसेमंद निजी जीवन बीमा कंपनियों में से एक, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने, मध्य प्रदेश राज्य के धार जिले में आशा वर्कर्स और सुपरवाइजर्स को एक जीवन रक्षक कौशल के बारे में शिक्षित करने के लिए, एक स्तन कैंसर जागरूकता वर्कशॉप का आयोजन किया।

धार जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से 25-40 वर्ष के आयु वर्ग के लगभग 80 आशा वर्कर्स और सुपरवाइजर्स ने वर्कशॉप में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने एक गांठ का जल्द पता लगाने के लिए, जीवन रक्षक कौशल के बारे में जानकारी प्राप्त की।

आशा सुपरवाइजर्स से, आशा कार्यकर्ताओं और छोटे जिलों के आसपास के लोगों के लिए एक संरक्षक, मार्गदर्शक और परामर्शदाता होने की उम्मीद की जाती है। ये प्रशिक्षित महिला सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता होती हैं जो समुदाय और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के बीच, एक इंटरफेस के रूप में काम करती हैं।

इस वर्कशॉप के अंतर्गत स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. मोनिका चौहान ने आशा वर्कर्स और सुपरवाइजर्स को स्तन कैंसर की मूल बातें, मन और शरीर पर इसके प्रभाव, आर्थिक रूप से सुरक्षित होने के महत्व और ‘थैंक्स ए डॉट’ किट पर एक ट्यूटोरियल समझाया।

हाल ही में लोकसभा में उपलब्ध स्तन कैंसर के मामलों के आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में स्तन कैंसर के मामले पिछले पांच वर्षों से लगातार बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान और अनुसंधान केंद्र द्वारा तैयार राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य ने 2020 में स्तन कैंसर के 11,501 मामले दर्ज किए, जबकि स्तन कैंसर से मृत्यु दर 4,278 थी।

पिछले दो वर्षों में भी इस संख्या का ग्राफ ऊपर बढ़ते हुए देखा गया है। यह तथ्य अपने आप में एक अलार्म बजाता है और इशारा करता है कि हमें नियमित रूप से सेल्फ-ब्रेस्ट एग्जामिनेशन को अपनाने के बारे में आत्म-जागरूक होने की आवश्यकता है।

इसे आयोजित करने के लिए, कंपनी ने स्थानीय एनजीओ पार्टनर, एक्शन अगेंस्ट हंगर के साथ मिलकर ऑन-ग्राउंड इवेंट की व्यवस्था की थी। वर्कशॉप का उद्देश्य स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना और महिलाओं को यह समझने में मदद करना कि गांठ कैसा महसूस कर सकती है और प्रारंभिक अवस्था में उनका पता लगाने के लिए सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन को रेगुलर हैबिट बनाना कैसे महत्वपूर्ण है।

इसके साथ ही, उन्होंने इन महिलाओं में सेल्फ-ब्रेस्ट टेस्ट की आदत डालने के लिए ‘थैंक्स-ए-डॉट’, एक सेल्फ-ट्रेनिंग किट भी वितरित की और इसका उपयोग कैसे किया जाए, ये भी समझाया।

इसका उद्देश्य महिलाओं को स्वयं के स्वास्थ्य के लिए कदम बढ़ाने हेतु राजी करना और सेल्फ-चेक को आदत बनाकर इसे प्राथमिकता देना था। स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु दर और रोगियों की संख्या को कम करने के लिए, इसका जल्दी पता लगाना महत्वपूर्ण है।

शिक्षा की कमी और कमजोर सामाजिक-आर्थिक स्थिति, स्तन कैंसर की जांच से बचने को बढ़ावा देती है। इसलिए, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने अपनी जारी पहल ‘थैंक्स-ए-डॉट’ के माध्यम से स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाई और महिलाओं में व्यवहार परिवर्तन लाने के महत्व के बारे में बताया।


Related





Exit mobile version