बाग में पटवारी की मिलीभगत से थाने के लिए मिली जमीन फर्जी कागजात बनाकर बेचे, मामला दर्ज


फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भूमाफिया दिलीप राठी ने पार्टनर चेतन माहेश्वरी के साथ मिलकर रजिस्ट्री करवाई। इस जमीन का सौदा रणछोड़ व गोपाल सिर्वी को विक्रेता बनाकर 1 करोड़ 30 लाख रुपये में किया गया।


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धार Published On :
bagh land scam

धार। बाग में जमीन घोटाले की चर्चाएं जोरों पर हैं। इसकी वजह यह है कि कुछ दिन पहले मंदिर की जमीन बेचने वाले पटवारी विश्वनाथ तिवारी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया।

अब पुलिस थाना बाग की जमीन पर कॉलोनी का सपना संजोने वाले भूमाफिया दिलीप राठी और उसके पार्टनर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। केस दर्ज होने की भनक लगते ही राठी भूमिगत हो गया।

पुलिस ने थाने की जमीन बेचने के मामले में चार लोगों को आरोपी बनाया है जिसमें दो खरीददार हैं और दो आरोपी वे हैं, जिन्होंने जमीन बेचने में भूमिका निभाई। फिलहाल सभी आरोपी फरार हैं।

बाग पुलिस ने इस मामले में राजस्व विभाग के गजानंद हरिशंकर उपाध्याय (40 वर्ष) निवासी तहसील टप्पा कार्यालय बाग की रिपोर्ट पर आरोपी खरीददार दिलीप पिता लक्ष्मीनारायण माहेश्वरी निवासी बाग, चेतन पिता सत्यनारायण माहेश्वरी निवासी आलीराजपुर, विक्रेता रणछोड़ पिता तेजाजी सिर्वी व गोपाल पिता तेजाजी सिर्वी निवासी बाग के खिलाफ धारा-420 व 34 भादवि के तहत केस दर्ज किया है।

दर्ज किए गए मामले में बताया कि आरोपियों ने थाना परिसर के पास स्थित भूमि सर्वे नंबर-288/1/1/2 रकबा 0.173 हेक्टेयर की जमीन के कागजातों में हेराफेरी कर भूमि के फर्जी दस्तावेज तैयार किए और रजिस्ट्री करवाकर अमानत में खयानत की।

थाने के लिए मिली थी जमीन –

दरअसल सर्वे नंबर-288/1/1/2 रकबा 0.173 हेक्टेयर भूमि बाग थाने के लिए दान में दी गई थी, लेकिन वर्ष-2016 में इस जमीन के फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार करवाए गए।

इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भूमाफिया दिलीप राठी ने पार्टनर चेतन माहेश्वरी के साथ मिलकर रजिस्ट्री करवाई। इस जमीन का सौदा रणछोड़ व गोपाल सिर्वी को विक्रेता बनाकर 1 करोड़ 30 लाख रुपये में किया गया।

साथ ही साथ वर्ष 2019 में जमीन की रजिस्ट्री करवा ली गई। जब इसकी जानकारी लोगों को लगी तो इस मामले की शिकायत प्रशासन को हुई। लंबी जांच के बाद पुलिस ने बुधवार रात एफआईआर दर्ज कर ली, लेकिन भूमाफिया राठी सहित अन्य आरोपी फरार हैं।

इसमें भी पटवारी की भूमिका संदिग्ध –

बताया जा रहा है कि इस जमीन घोटाले में भी पटवारी विश्वनाथ तिवारी की ही भूमिका रही है। पटवारी तिवारी ने नृसिंह मंदिर की जमीन के साथ थाने के राजस्व रिकॉर्ड में भी गड़बड़ी कर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए और इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर ये जमीन घोटाले हुए। अब पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।


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