धारः जिसने की थी सीएम हेल्पलाइन में शिकायत उसका ही तोड़ा गया अतिक्रमण

आशीष यादव
धार Published On :
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धार। 300 दिन से अधिक लंबे समय से लंबित सीएम हेल्पलाइन की शिकायत के निराकरण के तहत नगरपालिका ने सिल्वरहिल कॉलोनी एक्सटेंशन में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की।

शिकायतकर्ता दीपक और राजेन्द्र की शिकायत पर एक्सटेंशन में वाडकर परिवार के द्वारा सड़क मार्ग पर अतिक्रमण करके बनाई गई दीवार और कमरा ढहाया गया है।
इस दौरान वाडकर परिवार ने जमीन पवार राजवंश द्वारा दान में मिलने की बात कही, लेकिन मौके पर कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए।

अतिक्रमणकर्ता को शिकायत के बाद से लगातार नगरपालिका द्वारा अतिक्रमण हटाने एवं वैध निर्माण होने की दशा में दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए सूचित किया जा रहा था। शिकायत अंतिम अवस्था में पहुंचने के बाद अधिकारियों ने बुधवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की।

प्लॉट पर मकान, सड़क की जमीन पर गार्डन –

बुधवार को शिकायत निवारण की कार्रवाई के तहत एक्सटेंशन में रहवासियों में आपसी विवाद हो गया। वाडकर परिवार की दीवार ढहाने के बाद उनके द्वारा पूरी गली में ओटलों के निर्माण से किए गए अतिक्रमण पर भी कार्रवाई की मांग की गई।

नगरपालिका के अधिकारियों ने गली के दोनों छोर के करीब 60 से अधिक मकानों के आगे बने ओटलों को तोड़ने की कार्रवाई की। इस दौरान ओटलों के साथ प्लॉट पर मकान निर्माण के बाद सड़क पर बनाए गए गार्डननुमा जंगले भी हटाए गए।

कई लोगों ने घरों से चुपचाप इस कार्रवाई को देखा तो कुछ लोग ओटले तोड़ने की कार्रवाई का विरोध करने के लिए सड़क पर भी आ गए। हंगामे के दौरान कुछ देर के लिए कार्रवाई रूकी जिसके कारण जिनके ओटले टूट चुके थे वह नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि अब टूटेंगे तो सबके। इसके बाद नपा ने पूरी गली में ओटला हटाओ मुहिम चलाई।

मोहल्ला अड़ गया तोड़ो कमरा –

बुधवार को नगरपालिका ने वाडकर परिवार की सिर्फ दीवार ढहाई थी। इसके बाद जब नगरपालिका ने पीड़ित परिवार के आरोप के बाद पूरे गली में ओटले हटाए तो पूरा मोहल्ला वाडकर परिवार का कमरा तोड़ने पर अड़ गया। इस दौरान सवराया और वाडकर परिवार में कहा-सुनी भी हुई।

सवराया परिवार और कॉलोनी के लोगों ने कहा कि अब दीवार हटाने से काम नहीं चलेगा। पूरा कमरा ढहाओ। कार्रवाई के दौरान एसडीएम व प्रभारी सीएमओ एसएन दर्रो भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि अब कार्रवाई पूरी होगी, जिसके बाद देर शाम को छह बजे के लगभग वाडकर परिवार का कमरा भी ढहा दिया गया।

जेसीबी के आगे अड़ गईं महिलाएं –

ओटले तोड़ने की कार्रवाई के दौरान महिलाओं ने काफी विरोध दर्ज कराया। एक नवनिर्मित भवन के आगे सड़क के समक्ष बनाए गए तुलसी के क्यारे और ओटलों को हटाने के दौरान महिलाएं जेसीबी के आगे खड़ी हो गईं। अधिकारियों को जगह निजी बताई, जिसके बाद उनसे रजिस्ट्री और निर्माण अनुमति मांगी गई। इस दौरान घर के एक पुरुष की सलाह पर महिलाएं बगैर रजिस्ट्री और निर्माण अनुमति दिखाए जेसीबी के सामने से हट गईं, जिसके बाद ओटले तोड़ दिए गए।

भाजपा नेता और कार्यपालक सीएमओ में हुई नोंकझोंक –

कार्रवाई के दौरान भाजपा नेता डॉ. ईश्वरसिंह सोलंकी और कार्यपालक सीएमओ विजय कुमार शर्मा में गरमा-गरम नोंकझोंक हो गई। दरअसल डॉक्टर सोलंकी का सबसे अंतिम मकान था और वह ओटले तोड़ने के पूर्व नोटिस जारी नहीं करने को लेकर अधिकारियों से सवाल-जवाब कर रहे थे।

अधिकारियों द्वारा बताया गया कि सड़क पर यदि अतिक्रमण है तो उसे हटाने के लिए नोटिस की जरूरत नहीं होती है। इस पर सोलंकी ने कहा कि मैं आपको कोर्ट ले जाऊंगा। इसके बाद वे अधिकारियों के वीडियो बनाने लगे।

इस पर प्रभारी सीएमओ ने कहा कि शासकीय कार्य में आप बाधा मत डालो। सब पर समान कार्रवाई होगी। इसके बाद भी सोलंकी वीडियो बनाते रहे, जिसके बाद एक बार फिर बहस हुई तो सीएमओ ने पुलिसकर्मियों को कहा कि इन्हें थाने ले जाओ, शासकीय कार्य में बाधा डाल रहे हैं। इस दौरान परिचितों और स्थानीय रहवासियों ने बीच-बचाव करते हुए समझाइश दी, जिसके बाद सोलंकी वहां से चले गए।

कार्रवाई से वृद्धा घबराई, अस्पताल भेजा –

सिल्वरहिल एक्सटेंशन में वाडकर परिवार का सबसे पुराना निर्माण है। बुधवार को नगरपालिका द्वारा दीवार तोड़ने की कार्रवाई के बाद परिवार की बुजुर्ग महिला घबरा गई और बच्चे रोने लगे। इस दौरान वृद्धा की तबीयत बिगड़ी तो एम्बुलेंस के माध्यम से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कब्जे हटे तो सड़क हुई चौड़ी –

वार्ड क्रमांक 4 सिल्वरहिल में सड़क से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद सड़क काफी चौड़ी दिखाई देने लगी है। हालांकि रहवासियों ने एसडीएम के समक्ष घर में दुपहिया चढ़ाने के लिए रैम्प बनाने की आवश्यकता के बारे में चर्चा की है।

एसडीएम ने कहा कि वाहन रखने के लिए छोटे रैम्प की जरूरत सबको है, लेकिन रैम्प के साथ अपने घरों के आगे बड़े-बड़े ओटले बनाकर सड़क की चौड़ाई कम करने का अधिकार किसी को भी नहीं है। इससे बड़े वाहनों को आने-जाने में दिक्कत होती है।


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