कब सुधरेगा जिला अस्पताल का ढर्रा, कई कलेक्टरों ने किया दौरा लेकिन नहीं सुधरी व्यवस्था


शहर के मांडू रोड स्थित जिला अस्पताल का मंगलवार को नवागत कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने आकस्मिक दौरा किया। इस दौरान ट्रॉमा सेंटर व एसएनसीयू में मरीजों और स्टाफ से कलेक्टर मिश्रा ने सवाल किए।


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dhar collector visit

 

धार। जहां एक ओर सरकार जनता की सुविधा के लिए लाखों रुपयों का बजट का प्रावधान करती है वहीं जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही है। नवागत कलेक्टर ने पद ग्रहण के दूसरे दिन जिला अस्पताल का दौरा किया।

शहर के मांडू रोड स्थित जिला अस्पताल का मंगलवार को नवागत कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने आकस्मिक दौरा किया। इस दौरान ट्रॉमा सेंटर व एसएनसीयू में मरीजों और स्टाफ से कलेक्टर मिश्रा ने सवाल किए।

इसके साथ ही सफाई व्यवस्था कमजोर मिलने पर ठेकेदार से काम करवाने और मॉनीटरिंग के लिए अस्पताल प्रबंधन को कहा। इधर एनएचएम द्वारा संचालित 108 एंबुलेंस के ड्राइवरों से भी सवाल कर रूट व टाइम की जानकारी ली। साथ ही ड्राइवरों को ड्रेसकोड में रहने की हिदायत दी।

जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम से कलेक्टर मिश्रा सीधे जिला अस्पताल पहुंचे। सिविल सर्जन डॉ. एमएल मालवीय ने उन्होंने ट्रॉमा सेंटर और एसएनसीयू यूनिट की जानकारी दी।

इस दौरान जिपं सीईओ केएल मीणा, एसडीएम दीपश्री गुप्ता, डॉली जाधव भी मौजूद थे। कलेक्टर मिश्रा ने ट्रॉमा सेंटर की प्रथम मंजिल पर भर्ती प्रसूताओं से चर्चा की।

मिश्रा ने पूछा इलाज में देरी तो नहीं हुई, खाना मिला या नहीं तो प्रसूताओं ने कहा कि सब बढ़िया है। इसके बाद कलेक्टर मिश्रा ने कमरों में रोशनी बढ़ाने और सफाई के इंतजाम करवाने के लिए कहा।

एंबुलेंस डेस्क बनाने के निर्देश –

अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में प्राइवेट एंबुलेंस के पोस्टर लगे देख कलेक्टर मिश्रा ने कहा कि हमारी एंबुलेंस सेवा के बजाय प्राइवेट एंबुलेंस के पोस्टर क्यों लगे हैं। इन्हें हटवाने के लिए कहा। साथ ही ट्रॉमा सेंटर में मरीजों की सुविधा के लिए एंबुलेंस डेस्क भी बनाने के निर्देश दिए।

वहीं ट्रॉमा सेंटर के बाहर मरीज के कॉल पर आई एंबुलेंस-108 के ड्राइवर से भी जानकारी ली। साथ ही स्टाफ और ड्राइवर को ड्रेसकोड और आईकार्ड रखने के लिए कहा।

ठेके के कर्मचारियों ने बिगाड़ी व्यवस्था –

कलेक्टर मिश्रा के निरीक्षण के दौरान सफाई को लेकर दिक्कतें सामने आई। इस पर कलेक्टर ने कहा कि जिला अस्पताल में सफाई व्यवस्था को पूरी तरह से दुरूस्त रखें, जो भी कर्मचारी सफाई में लापरवाही कर रहे हैं उनको नोटिस जारी करें। आने वाले मरीजों को परेशानी न हो, इस बात का भी ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि टेंडर की शर्तों के मुताबिक साफ-सफाई हो।

शिकायत पेटी का नहीं खुला ताला –

जिला अस्पताल का दौरा कर रहे कलेक्टर ने जब सामने लगी शिकायत पेटी में लगे ताले को खोलने के लिए कहा तो सिविल सर्जन मालवीय अपने आजू-बाजू देखने लगे। बाद में कर्मचारी से चाबी लाकर इसे खुलवाने के लिए कहा, लेकिन कलेक्टर का दौरा हो जाने के बाद तक चाबी लेकर कर्मचारी नहीं पहुंचा।

शिकायत पेटी में शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत-पत्र डाला भी जाता है या नहीं, इसका पता नहीं चल पाता है। पेटी को देख कर लग रहा था कि कई दिनों से ताला खुला नहीं है।

डॉक्टर नहीं थे मौजूद –

जहां एक ओर शासन जनता की सुविधा के लिए डॉक्टरों की भर्ती करता है वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल में आए दिन डॉक्टर मौजूद नहीं रहते हैं जिनके कारण मरीज व मरीज के परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ऐसा ही नजारा कलेक्टर के दौरे के दौरान देखने को मिला। एक महिला मरीज व उसके परिजन उसकी डिलीवरी के लिए परेशान होते नजर आ रहे थे।

कलेक्टर मिश्रा वहीं से गुजर रहे थे तो महिला ने कहा कि वह सुबह से परेशान हो रही है और उसकी बेटी की डिलीवरी होने वाली है, लेकिन डॉक्टर सुबह 10 बजे से कह रहे हैं कि आ रहे हैं, लेकिन अब तक नहीं आये हैं।

इसके बाद कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने सिविल सर्जन मालवीय को कहा कि जल्दी से डॉक्टर को बुलवाकर प्रसूता की सही तरीके से डिलीवरी करवाई जाए।


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