बारिश हुई तो किसानों के चेहरे पर दिखी खुशी की लहर, किसानी के काम पर लौटे


जिले में मंगलवार व बुधवार को हुई बारिश से एक बार फिर किसानों की उम्मीद जाग उठी है। रविवार की रात में जिले के ग्रामीण अंचल में हुई बारिश से मुरझा रही फसलों को नया जीवनदान मिला है।


आशीष यादव
धार Published On :
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धार। लंबे समय के अंतराल के बाद फिर बरसे मेघों ने किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर ला दी है, जिसके बाद किसान अब खेतों में कामों में लग गए हैं।

जिले में मंगलवार व बुधवार को हुई बारिश से एक बार फिर किसानों की उम्मीद जाग उठी है। रविवार की रात में जिले के ग्रामीण अंचल में हुई बारिश से मुरझा रही फसलों को नया जीवनदान मिला है।

धार जिले के ग्रामीण क्षेत्र के अलावा सभी ब्लॉक में हल्की बारिश दर्ज की गई है। जिले में अबतक कुल 10 इंच वर्षा रिकॉर्ड की गई है।

जून-जुलाई के पहले सप्ताह तक जिले में 70 प्रतिशत सोयाबीन की बुवाई हो चुकी थी लेकिन जुलाई महीने में बारिश की लंबी खेंच से किसानों के चेहरे पर फसलों के खराब होने की चिंता नजर आने लगी थी।

कई गांव में बारिश के लिए पूजा-अर्चना और टोटकों का दौर भी शुरू हो चुका था जिसके बाद रात में हुई आधे घंटे की बारिश ने फसलों को राहत देने का काम किया है।

दरअसल मानसून की जल्दी आमद के बाद जिले में किसानों की बुवाई का कार्य 97 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुका था, लेकिन बीते 15 दिनों से बारिश नहीं होने से फसलों को नुकसान होने लगा था।

लेकिन, अब एक बार फिर मानसून की सक्रियता जिले सहित पश्चिमी मध्यप्रदेश के जिलों में दिखाई देने लगी है। मंगलवार रात जिले अनारद व अन्य गांवों में 2 घंटे की बारिश से फसलों को राहत मिली है।

कृषि विभाग की सहायक सचालक संगीता तोमर ने बताया कि हल्की बारिश होने से खेतों में सोयाबीन की फसल के लिए पर्याप्त नमी बन गई है। वहीं आगामी दो-तीन दिनों में बारिश होने का पूर्वानुमान मौसम विभाग द्वारा प्राप्त हुआ है।

बहरहाल जिले में अब भी मानसून की झमाझम बारिश का इंतजार बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार जिले में आगामी 2-3 दिनों में झमाझम बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में जिले सहित पश्चिमी मध्यप्रदेश में भी बारिश होने के आसार हैं। जिले में 22 जुलाई से 25 जुलाई तक बारिश होने के आसार बने हुए हैं।

बता दें कि बारिश के लंबे इंतजार के बाद किसानों के चेहरे पर मायूसी आ गई थी। बरसात होने पर किसानों ने खेतों में खरपतवारनाशक व अन्य खेती के कामों में लग गए हैं। बारिश नहीं होने से फसलों में बीमारियां बढ़ रही थीं व बारिश होने से बीमारियां भी चली जाएंगी।

जिले में बोवनी लगभग हो चुकी है। वहीं बारिश होने से फसल में रौनक आ गई है। अब किसान बारिश होने के बाद खेतों से खरपतवार निकालने का काम कर रहे हैं। वहीं बारिश होने से फसलों को फायदा हुआ है।

– डीएस मौर्य, सहायक उपसंचालक कृषि विभाग, धार


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