शासकीय भूमि से अवैध कब्जा हटाने में अधिकारी नाकाम, अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद


धार जिले के अनारद गांव में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण के कारण विकास कार्य ठप हो गए हैं। पंचायत द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा, जिससे अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं। पंचायत को प्रशासनिक सहयोग न मिलने से अतिक्रमण हटाने में असमर्थता हो रही है।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

धार जिले के अनारद गांव में शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण के कारण गांव का विकास रुक सा गया है। अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वे पंचायत के अधिकारियों और स्थानीय निवासियों को धमकाने तक से पीछे नहीं हट रहे। बताया जाता है कि हाल ही में पंचायत द्वारा दी गई चेतावनी के बाद अतिक्रमणकारी ने खुलेआम धमकी दी कि “कोई कब्जा हटाने की कोशिश करे तो उसे खतरा हो सकता है।”

 

पंचायत की शिकायत और प्रशासनिक उदासीनता

ग्राम पंचायत अनारद ने इस मामले को कई बार अधिकारियों के समक्ष उठाया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। पंचायत द्वारा तहसीलदार और एसडीएम को शिकायतें दी गईं कि गांव के तालाब, स्कूल परिसर और अन्य शासकीय भूमि पर कब्जा करने वालों ने अवैध निर्माण कर रखा है। कमल कटारे, जो इस कब्जा करने का प्रमुख आरोपी है, ने पंचायत द्वारा बनवाई गई सीसी रोड पर अवैध पशु शेड बना लिया है, जिससे ग्रामीणों का आवागमन बाधित हो रहा है।

 

अतिक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है

कमल कटारे न केवल शासकीय भूमि पर बल्कि निजी खेतों के रास्ते पर भी कब्जा कर चुका है। किसान लाखन कटारे ने बताया कि कमल ने उनके खेत के रास्ते पर कब्जा कर दुकान बना दी है। इस संबंध में तहसील कार्यालय में शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे सरकारी जमीन हथियाने वालों के हौसले और बढ़ गए हैं।

 

प्रशासनिक सहयोग का अभाव

पंचायत बार-बार प्रशासन से सहयोग की गुहार लगा रही है, लेकिन अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण पंचायत खुद को असहाय महसूस कर रही है। पंचायत के कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों को अतिक्रमणकारियों की धमकियों का सामना करना पड़ता है, जिसके चलते विवाद की स्थिति बन जाती है और पंचायत को पीछे हटना पड़ता है।

 

पंचायत राज अधिनियम के तहत शक्ति

पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 56 के तहत ग्राम पंचायत को शासकीय भूमि पर कब्जा हटाने का अधिकार है। इसके बावजूद, पंचायत प्रशासनिक सहयोग के बिना इस अधिकार का प्रयोग नहीं कर पा रही है। अगर पंचायत को पुलिस और राजस्व अधिकारियों का समर्थन मिले, तो ये अवैध कब्जा आसानी से हटाया जा सकता है।

 

प्रशासनिक कार्रवाई की उम्मीद

एसडीएम धार, रोशनी पाटीदार ने कहा, “अगर ऐसा कुछ है तो हम गांव में जाकर मामले को देखेंगे। किसी के द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण  करने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी।”



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